चंडीगढ़: हरियाणा में `चुनाव का पर्व-प्रदेश का गर्व' के शीर्ष स्लोगन के साथ 5 अक्टूबर को प्रदेश वासी विधानसभा चुनाव के लिए पुलिस, अर्ध-सैनिक व सुरक्षा बलों के कड़े पहरे में मतदान करेंगे. राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और चुनाव के दौरान केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की तैनाती पर गठित राज्य कमेटी के चेयरमैन पंकज अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश पुलिस के साथ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों जैसे-बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, आरपीएफ की कंपनियां भी मुस्तैदी से तैनात रहेंगी. इसका मुख्य उद्देश्य है कि लोग निर्भीक और बिना किसी दबाव के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें.
फ्लैग मार्च कर चप्पे-चप्पे पर पुख्ता सुरक्षा बंदोबस्त: निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल ने सुरक्षा प्रबंधों के बारे बताया कि लोगों में विश्वास बनाए रखने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की कंपनियों का मुख्य कार्य चुनाव प्रक्रिया के दौरान फ्लैग मार्च व एरिया डोमिनेशन से मतदाताओं में सुरक्षित माहौल का विश्वास पैदा करना है. इसके अलावा चप्पे-चप्पे पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी. मतदान केंद्रों के समीप की आंतरिक सुरक्षा के लिए हरियाणा पुलिस, आईआरबी और होमगार्ड के जवान तैनात रहेंगे. जबकि संवेदनशील श्रेणी के मतदान केंद्रों की निगरानी के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की विशेष तैनाती रहेगी. इसके अलावा वेबकास्टिंग द्वारा भी मतदान केंद्रों पर निगरानी रखी जाएगी.
ये रहेगा अभेद सुरक्षा चक्र: मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की तैनाती बारे में कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए भारत निर्वाचन आयोग से 225 कंपनियों की मांग की गई थी. इसमें से 70 कंपनियां 25 अगस्त 2024 तक राज्य में पहुंच चुकी हैं. शुरुआत में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 15 कंपनियां, सीमा सुरक्षा बल की 10, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की 15, भारत तिब्बत सीमा पुलिस की 10, सशस्त्र सीमा बल की 10 और रेलवे सुरक्षा बल की 10 कंपनियों को केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से हरियाणा में सीधा भेजा गया है.