हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

गोवर्धन पूजा आज, नोट कर लें शुभ मुहूर्त, इस समय पूजा करना होगा फलदायी

आज गोवर्धन पूजा है. आज गोवर्धन भगवान की पूजा की जाती है. शुभ मुहूर्त और पूजा विधि जानने के लिए आगे पढ़ें.

govardhan puja 2024 today
गोवर्धन पूजा आज (ETV Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 2, 2024, 6:18 AM IST

चंडीगढ़: आज गोवर्धन पूजा है. आज के दिन गोवर्धन भगवान की पूजा की जाती है. कई जगह इसे अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है. इस पूजा में लोग अन्नकूट का भोग लगाते हैं. आज के दिन गोवर्धन महाराज की पूजा-अर्चना कर लोग पशुधन के साथ-साथ लोग खुशहाली की कामना गोवर्धन भगवान से करते हैं.

गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त:पंडित विश्वनाथ मिश्र ने बताया कि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा की जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार प्रतिपदा तिथि का आरंभ 1 नवंबर को शाम के 6:16 से हो रही है जबकि इसका समापन 2 नवंबर को रात के 8:21 मिनट पर हो रहा है. हिंदू धर्म में प्रत्येक व्रत-त्योहार को उदया तिथि के साथ मनाया जाता है, इसलिए इस बार गोवर्धन पूजा 2 नवंबर के दिन यानी कि आज मनाया जाएगा. गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त 2 नवंबर की शाम के समय 6:30 से शुरू होकर 8:45 तक रहेगा. इस समय पूजा बेहद शुभ होगा.

इस तरह करें गोवर्धन पूजा:

  • गोवर्धन पूजा के समय सबसे पहले गोवर्धन महाराज की आकृति बनाई जाती है.
  • गोवर्धन महाराज की आकृति के पास ही ब्रजवासी और पशुओं की आकृति भी बनाई जाती है.
  • इसके बाद सबसे पहले देसी घी का दीपक गोवर्धन महाराज के सामने जलाया जाता है.
  • ये दिन भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है.
  • इस दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना की जाती है.
  • उनके आगे छप्पन भोग लगाए जाते हैं.
  • उनसे सुख समृद्धि पशुधन में वृद्धि की कामना की जाती है.
  • परिवार के सभी सदस्य शुभ मुहूर्त के समय इकट्ठे होकर एक साथ पूजा-अर्चना करते हैं.
  • पूजा में खेल-खिलौने और अलग-अलग तरह के फूलों को भी शामिल किया जाता है.
  • सभी चीजें गोवर्धन महाराज को अर्पित की जाती है.
  • इसके बाद सात बार परिक्रमा की जाती है.
  • फिर बड़ों का आशीर्वाद लेकर सभी को प्रसाद बांटा जाता है.

ये है पौराणिक कथा:ब्रजवासी इंद्रदेव की पूजा किया करते थे. हालांकि भगवान कृष्ण ने लोगों को इंद्रदेव की पूजा करने के बजाय गोवर्धन पर्वत की पूजा करने को कहा. इसके बाद ब्रजवासी गोवर्धन पर्वत की पूजा करने चले गए. इससे नाराज होकर इंद्रदेव ने भयंकर वर्षा शुरू कर दी. इसके बाद पूरे ब्रज में हाहाकार मच गया. जब पूरा ब्रज पानी- पानी हो गया, तब भगवान श्री कृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर सभी गांव वालों की रक्षा की थी और इंद्रदेव का घमंड तोड़ा था. उस समय गांव में सब कुछ अस्त-व्यस्त होने की वजह से अन्नकूट तैयार किया गया था और गोवर्धन महाराज की पूजा की गई थी. तभी से यह परंपरा चली आ रही है. लोग अपने परिवार और पशु धन में सुख-समृद्धि और बढ़ोतरी के लिए गोवर्धन महाराज की पूजा-अर्चना करते हैं.

ये भी पढ़ें:Govardhan Puja 2024: जानें कब है गोवर्धन पूजा, भगवान कृष्ण और इंद्रदेव का इस दिन से क्या है नाता

ये भी पढ़ें:कब है गोवर्धन पूजा 2024? जानें इसका पौराणिक महत्व, भगवान श्री कृष्ण ने तोड़ा था इंद्रदेव का अभिमान

ABOUT THE AUTHOR

...view details