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शृंगेरी पीठ के शंकराचार्य ने महाकुंभ की व्यवस्था को सराहा, बोले-सनातन वास्तव में मानव धर्म है - APPRECIATION OF MAHA KUMBH

गोरखपुर स्थित महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन सभागार में सीएम योगी ने किया अभिनंदन.

गद्गुरु शंकराचार्य विधुशेखर भारती सन्निधानम का स्वागत समारोह.
गद्गुरु शंकराचार्य विधुशेखर भारती सन्निधानम का स्वागत समारोह. (Photo Credit : Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 13, 2025, 9:11 AM IST

गोरखपुर :गोरक्ष पीठाधीश्वर और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सनातन धर्म वास्तव में मानव धर्म है. सनातन धर्म ही विश्व मानवता का धर्म है. सनातन धर्म सुरक्षित रहेगा तो न केवल भारत सुरक्षित रहेगा, बल्कि विश्व मानवता सुरक्षित रहेगी. सीएम योगी बुधवार शाम, शृंगेरी शारदा पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य श्री श्री भारती तीर्थ के आदेश से विजय यात्रा लेकर गोरखपुर पधारे, जगद्गुरु शंकराचार्य विधुशेखर भारती सन्निधानम के शंकर वचन (आशीर्वचन) से पहले अभिनंदन समारोह को संबोधित कर रहे थे.

जगद्गुरु शंकराचार्य विधुशेखर भारती सन्निधानम का स्वागत करते सीएम योगी आदित्यनाथ. (Photo Credit : Etv Bharat)

गोरखनाथ मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में गोरक्ष पीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जगद्गुरु शंकराचार्य को अंग वस्त्र ओढ़ाकर तथा उपहार भेंटकर उनका स्वागत किया. इस अवसर पर सीएम ने कहा कि सनातन धर्म अर्वाचीन है. समय समय पर इस पर अनेक प्रहार हुए, लेकिन भगवान की अवतार परंपरा, संतों, ऋषियों और महामानवों ने धराधाम पर सनातन धर्म का संरक्षण किया और सनातन धर्मावलंबियों के सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की. मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया में अनेक पंथ, सम्प्रदाय, मत, मजहब ने अपने विचार लोगों पर थोपने के प्रयास किए, लेकिन सनातन अपने विचार किसी पर थोपता नहीं है. यह जीवन जीने के तरीके को स्वतंत्रता, उन्मुक्तता और सहजता से आगे बढ़ाने का मार्ग दिखाता है. सनातन धर्म जितनी स्वतंत्रता, उन्मुक्तता और सहजता अन्यत्र कहीं नहीं है. सीएम योगी ने कहा कि सनातन धर्म को किसी एक परिभाषा में सीमित नहीं किया जा सकता. वास्तव में यह कृत और कर्ता के प्रति कृतज्ञता का भाव है. वाल्मीकि रामायण में भी यही बात उल्लिखित है.

सीएम योगी आदित्यनाथ और जगद्गुरु शंकराचार्य विधुशेखर भारती सन्निधानम. (Photo Credit : Etv Bharat)

भगवान आदि शंकर ने सनातन परंपरा को पुनर्जीवित किया

गोरक्ष पीठाधीश्वर ने कहा कि एक समय यह लगने लगा था कि सनातन धर्म समाप्त हो जाएगा, पर तब सनातन परंपरा को भगवान आदि शंकर ने पुनर्जीवित किया था. सनातन धर्म की परंपरा को सतत आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने विजय यात्रा निकाली, शास्त्रार्थ किया और देश के चार कोनों में चार धर्म पीठों, उत्तर में ज्योर्तिष, पूरब के जगन्नाथ, पश्चिम में द्वारिका और दक्षिण में शृंगेरी पीठ की स्थापना की. उन्होंने कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत कई बार शृंगेरी पीठ जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है.

गोरक्ष पीठाधीश्वर ने कहा कि हर कालखंड में शृंगेरी पीठ की परंपरा का गोरक्षपीठ में आगमन होता रहा है. वर्ष 1977 में प्रयागराज महाकुंभ के समय शृंगेरी पीठ के पूज्य शंकराचार्य का आगमन गोरक्षपीठ में हुआ था. उसके बाद पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य भारतीय तीर्थ जी महाराज और अब जगद्गुरु शंकराचार्य विधुशेखर भारती का आगमन हुआ है. जगद्गुरु शंकराचार्य विधुशेखर भारती का उत्तर प्रदेश में आगमन सर्वप्रथम प्रयागराज महाकुंभ में हुआ. इसके बाद वह काशी और अयोध्या की यात्रा करते हुए, सनातन धर्मावलंबियों को आशीष देते हुए गोरखपुर पधारे हैं. शंकराचार्य जहां भी गए जनता ने हर्षोल्लास के साथ उनके अभिनंदन का गौरव प्राप्त किया.



मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज का महाकुंभ पूरे विश्व को एकता का संदेश दे रहा है. 45 दिन के महाकुंभ के आयोजन में अब 14 दिन का समय शेष हैं. अब तक 31 दिन में करीब 48 करोड़ श्रद्धालु गंगा-यमुना, सरस्वती की त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं. यह एक भारत, श्रेष्ठ भारत का उदाहरण प्रस्तुत करने वाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कहते हैं कि महाकुंभ का यही है संदेश, एकता से अखंड रहेगा देश.

गोरखनाथ मंदिर मीडिया सेल से जारी विज्ञप्ति के अनुसार शृंगेरी शारदा पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य विधुशेखर भारती सन्निधानम ने कहा है कि प्रयागराज महाकुंभ में भव्य व्यवस्था से पूरा विश्व चकित है. इस महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या 50 करोड़ होने जा रही है. यह संख्या भारत के बारे में विषवमन करने वाले कई देशों की जनसंख्या से भी अधिक है. शंकराचार्य ने कहा कि महाकुंभ में भव्य व्यवस्था देखकर न केवल उनका मन बेहद आनंदित हुआ है बल्कि उन्होंने जिस किसी भी भक्त या श्रद्धालु से पूछा है, सब के सब लोगों ने व्यवस्था को अत्यंत आनंददायी और सुव्यवस्थित बताया है. शंकराचार्य ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ की भव्य व्यवस्था से दुनिया को सीखना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब सनातन आस्था वाले सन्यासी मुख्यमंत्री बनते हैं तो ऐसा ही व्यापक परिवर्तन देखने को मिलता है जैसा योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि न केवल प्रयागराज महाकुंभ, बल्कि काशी और अयोध्या में भी भव्य व्यवस्था की गई है. हर जगह भक्तों का धर्म के प्रति उद्घोष देखकर ह्रदय आनंदित हो रहा है.



जगद्गुरु शंकराचार्य विधुशेखर भारती ने कहा कि हमारे लिए धर्म और देश दोनों दो आंखें होनी चाहिए. क्योंकि दोनों का उद्देश्य समाज राष्ट्र और विश्व का कल्याण है. धर्म और देश दोनों पर सामान चिंतन से ही श्रेय प्राप्त किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि हमें ऐसे नेता चाहिए जो देश और धर्म दोनों की भलाई के लिए कार्य करें और इसे अपना कर्तव्य समझे. इस कसौटी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों ही धर्म और देश को समान भाव से देखते हैं. दोनों की श्रद्धा धर्म और देश के प्रति देखते ही बनती है. शंकराचार्य ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश की भलाई के लिए लगातार प्रयत्नशील रहते हैं.


बकवास करने वालों से सावधान रहने की आवश्यकता :जगद्गुरु शंकराचार्य विधुशेखर भारती ने कहा कि देश में कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनमें कुछ प्रतिभा तो है, लेकिन जब उनकी प्रशंसा अधिक हो जाती है तो उन्हें लगने लगता है कि वह जो भी कहेंगे तो लोग उसे सुनते रहेंगे. ऐसे लोग उन विषयों पर भी कुछ न कुछ बकवास करने लगते हैं जिनका उनसे कोई संबंध नहीं है. ऐसे लोगों के बकवास से सावधान रहना चाहिए. शंकराचार्य ने कहा कि एक अंधा व्यक्ति बाकी अंधे व्यक्तियों को मार्ग दिखाए यह संभव नहीं है.

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