गोरखपुर में चार छात्राओं ने मिलकर ऐसा झुमका बनाया है, जो खूबसूरत तो है ही, इसमें कई खूबियां भी हैं. गोरखपुर : शहर के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट की बीटेक छात्राओं ने एक ऐसा झुमका तैयार किया है, जो महिलाओं की खूबसूरती निखारने के साथ उन्हें सुरक्षा भी देगा. बीटेक एआई प्रथम वर्ष की चार छात्राओं आफरीन खातून, उम्मे हबीबा, रिया सिंह और फाया नूरी ने मिलकर इनोवेशन सेल के समन्वय विनीत राय के नेतृत्व में महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह इयररिंग ब्लूटूथ झुमका बनाया है. जिसे महिलाएं एक ब्लूटूथ ईयर बड की तरह इस्तेमाल करने के साथ मुसीबत में झुमके को हथियार भी बना सकती हैं.
इस झुमके में एक से बढ़कर एक खूबियां
इसे तैयार करने वाली छात्राओं का कहना है कि महिलाएं खूबसूरत दिखने के लिए मेकअप और ज्वेलरी का प्रयोग खूब करती हैं. यह झुमका इसे पूरा करता है. साथ ही असामाजिक तत्वों से बचाने भी मदद करेगा. आईटीएम बीटेक प्रथम वर्ष की छात्राओं ने दो सप्ताह की कड़ी मेहनत के बाद इस झुमके को तैयार किया है. यह झुमका मोबाइल ब्लूटूथ के साथ काम करने के साथ पुलिस और परिवार को इमरजेंसी कॉल तथा लोकेशन भी सेंड करता है. मुसीबत में यह झुमका गन भी बन जाता है. जरूरत पड़ने पर मनचलों पर मिर्ची गोली भी चला सकता है. इस झुमके की मदद से महिलाओं के प्रति छेड़छाड़ में कमी आने की बात कही गई है.
झुमके में लगे हैं दो पैनिक बटन
इस झुमके में तीन इमरजेंसी नंबर प्लेट को सेट किया जा सकता है. इसमें दो पैनिक बटन लगे हैं, जिसमें एक बटन से इमरजेंसी और परिवार के सदस्यों को कॉल और लोकेशन सेंड होती है तो दूसरे बटन से मिर्ची गन ऑपरेट होती है. जब तक लोग मदद के लिए घटनास्थल तक पहुंचेंगे, तब महिला अपने झुमके को गन बनाकर असामाजिक तत्वों पर मिर्ची गोली चलाकर अपनी आत्मरक्षा कर सकती है.
35 ग्राम वजन, 1650 रुपये खर्च
छात्राओं ने बताया कि फायरिंग करते ही झुमके से तेजी के साथ लाल मिर्च की बुलेट निकलेगी, जो मनचलों को दूर भगाएगी. आफरीन ने बताया कि झुमके का वजन करीब 35 ग्राम होगा. इसे बनाने में 1650 रुपए खर्च आया है. इसमें ब्लूटूथ माड्यूल बैटरी और दो स्विच, स्टील पाइप, ईयर रिंग आदि का उपयोग किया गया है. छात्राओं के इस प्रयोग पर इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक डॉक्टर एनके सिंह और सचिव अनुज अग्रवाल ने काफी प्रसन्नता जाहिर की है. कहा है कि कॉलेज का इनोवेशन सेल प्रयोग के लिए जिन भी उपकरणों की जरूरत महसूस करता है, उसे कभी निराश नहीं होना पड़ेगा. छात्र-छात्राओं को शोध करने में कभी कोई कमी आने नहीं दी जाएगी.
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