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उचाना में पहली बार गैर जाट विधायक, 39 वोटों से जीते देवेंद्र अत्री - RESULT OF UCHANA ASSEMBLY SEAT

उचाना सीट पर पहली बार कोई गैर जाट विधायक बना हैं. भाजपा के देवेंद्र अत्री ने बीरेंद्र सिंह को 39 वोटों से हरा दिया है.

RESULT OF UCHANA ASSEMBLY SEAT
उचाना विधानसभा सीट का परिणाम (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 9, 2024, 5:32 PM IST

जींद:1977 के विधानसभा चुनाव में अस्तित्व में आई उचाना विधानसभा सीट पर वर्तमान विधानसभा चुनाव में बीजेपी के देवेंद्र अत्री ने 32 वोटों से जीत दर्ज की है. उचाना विधानसभा सीट पर पहली बार कोई गैर जाट व्यक्ति विधायक बनने में सफल हुआ है. इससे पहले यहां पर 11 चुनाव हुए हैं और सभी चुनाव में जाट समुदाय के नेता ही विधायक बनते रहे हैं.

इस सीट पर पांच बार बीरेंद्र सिंह तो एक बार उनकी पत्नी प्रेमलता विधायक बनी हैं. एक बार ओम प्रकाश चौटाला तो एक बार उनके पुत्र दुष्यंत चौटाला ने जीत दर्ज की है. सुबे सिंह पुनिया, देशराज नंबरदार, भाग सिंह छातर ने एक-एक बार जीत दर्ज कर यहां से विधानसभा में दस्तक दी हैं.

दो रसूखदारों को हराया : देवेंद्र अत्री के लिए यह जीत बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने हरियाणा के दो बड़े राजनीतिक घरानों को हराकर जीत दर्ज की है. उनके मुकाबले एक ओर जहां पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह थे तो वहीं देवीलाल परिवार से आने वाले पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला भी मैदान में थे.

पहली बार कोई गैर जाट विधायक बना : उचाना विधानसभा सीट पर जाट वोट बैंक बड़ी संख्या में है और यही एक कारण भी था कि अभी तक यहां से कोई गैर जाट विधानसभा में नहीं पहुंचा था, लेकिन वर्तमान में बने चुनावी समीकरण देवेंद्र अत्री को रास आए और वह गैरजाट होने के बावजूद चुनाव जीतने में सफल रहे.

मामूली अंतर से हार गए बीरेंद्र सिंह: बीरेंद्र सिंह ने 2014 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था. 2014 में उनकी पत्नी प्रेमलता उचाना से विधायक बनीं. 2019 में बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह ने आईएएस से इस्तीफा देकर बीजेपी के टिकट पर हिसार लोकसभा से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. 2024 के शुरुआती दिनों में उन्हें बीजेपी की एंटी इनकंबेंसी का एहसास हुआ और उन्होंने बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस में घर वापसी की. कांग्रेस में घर वापसी के बाद उन्हें लगता था कि वह विधायक बन जाएंगे, लेकिन कांग्रेस के एक बागी उम्मीदवार ने उनके सपनों पर पानी फेर दिया और वो बस 32 वोटों से विधानसभा पहुंचने से चूक गए.

दुष्यंत चौटाला का ये हुआ हाल : वहीं दूसरी ओर 2019 के चुनाव में 92,504 वोट लेकर करीब साढ़े 47 हजार वोटों से जीत दर्ज करने वाले पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला इस बार अपने पिछले वोटों का 10 प्रतिशत भी नहीं ला पाए, जबकि 2019 में वह अपने बलबूते पर चुनाव लड़े थे और इस बार उन्होंने आजाद स्वराज पार्टी के साथ समझौता किया था.

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