अंबाला: शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन 2.0 जारी है. किसान 13 फरवरी से शंभू बॉर्डर पर डटे हैं. इस बीच पंजाब के कुछ किसान संगठनों की ओर से 6 दिसम्बर को शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच का ऐलान किया गया है. इसको देखते हुए जिला प्रशासन की तरफ से जिले में धारा 163 लागू की गई है, जिसके तहत 5 या 5 से अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पर पाबंदी है. इस संबध में उपायुक्त कार्यालय ने किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के आल इंडिया चेयरमैन स्वर्ण सिंह और भाकियू किसान यूनियन (एकता आजाद) के सुबा प्रधान जसविन्द्र सिंह को पत्र जारी करके सूचित किया है. हमारे संवाददाता ने अंबाला में शंभू बॉर्डर का जायजा लिया.
"पहले दिल्ली पुलिस की अनुमति ले किसान":अंबाला उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने बताया कि किसानों के दिल्ली कूच के संबंध में किसान संगठनों को दिल्ली में प्रदर्शन या आंदोलन के लिए दिल्ली पुलिस की अनुमति लेना होगा. अनुमति मिलने पर उपायुक्त कार्यालय अम्बाला को सूचित करना भी जरूरी है.
"सरकार उपराष्ट्रपति की बात माने" : वहीं, शम्भू बॉर्डर पर किसानों ने पत्रकार वार्ता कर दिल्ली कूच के लिए जत्थों की जानकारी दी और कहा कि वे पैदल दिल्ली कूच करेंगे. किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि सरकार को उप राष्ट्रपति की बात मान लेनी चाहिए. दरअसल उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने किसानों का मुद्दा उठाया था और पूछा था कि क्या किसानों से कोई वादा किया गया था, जिसे पूरा नहीं किया गया है. अगर ऐसा है, तो इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी और किसानों की बात सुननी होगी. पंधेर ने कहा कि केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू ने कहा था कि किसान पैदल दिल्ली चले जाएं. इसलिए वे पैदल कूच के लिए तैयार है और पैदल दिल्ली कूच करेंगे.
"क्या दिल्ली जाने वाला हर शख्स अनुमति लेता है" ? : वहीं डीसी अंबाला की ओर से पत्र जारी कर किसानों को हिदायत दी गई है कि दिल्ली कूच की अनुमति नहीं मिली है तो वे धारा 144 की उल्लंघन नहीं करें. इस पर सरवन सिंह पंधेर ने कहा उन्हें अभी कोई चिट्ठी नहीं मिली है, लेकिन इससे लगता है कि सरकार उन्हें दिल्ली नहीं जाने देना चाहती. दिल्ली रोज लाखों लोग जाते हैं, वो क्या अनुमति लेकर जाते हैं ? हमने दिल्ली कूच की अनुमति मांगी है, लेकिन उन्होंने फिलहाल अनुमति नहीं दी है.