लखनऊ: ईटीवी ग्रुप के संस्थापक और चेयरमैन पदमविभूषण रामोजी राव का आठ जून को निधन हो गया था. उनकी याद में गुरुवार को लखनऊ में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. इस मौके पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने रामोजी राव के जीवन पर प्रकाश डाला. उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए. तेलुगू एसोसिएशन के अध्यक्ष डीएन रेड्डी ने भी रामोजी राव को श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया. प्रदेश भर के "ईटीवी भारत" के संवाददाता भी इस अवसर पर उपस्थित रहे. लखनऊ के अलावा बनारस, आगरा और मेरठ में भी ईटीवी परिवार के सदस्य इकट्ठा हुए. श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन कर पद्म विभूषण रामोजी राव को श्रद्धा सुमन अर्पित किए. ईटीवी भारत की तरफ से रामोजी की कर्मचारियों के नाम वसीयत पढ़ी गई. उनके जीवन वृत पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शित की गई, जिसके जरिए रामोजी राव के संघर्ष और उपलब्धियों के बारे में भी सभी ने जाना और प्रेरणा ली.
रामजो राव को जन-जन तक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पहुंचाने का श्रेय:पद्म विभूषण रामोजी राव की श्रद्धांजलि सभा में उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि, रामोजी राव आज हमारे बीच नहीं हैं. हम उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं. हम कह सकते हैं कि जन-जन तक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को पहुंचाने का श्रेय अगर किसी को जाता है तो रामोजी राव प्रथम पंक्ति में गिने जाएंगे. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में स्टेट चैनल की शुरुआत करने का भी श्रेय रामोजी को ही जाएगा. स्टेट चैनल में गांव की खबरों को, जिलों की खबरों को और कस्बों की खबरों को प्रमुखता मिलने लगी. उसका पूरा का पूरा श्रेय रामोजी राव की दूरदर्शी नजर को जाता है.
पहले जो टीवी चैनल होते थे वह नेशनल चैनल होते थे, लेकिन ईटीवी स्टेट चैनल के बाद इसकी अभूतपूर्व सफलता के बाद पूरे देश में, हर स्टेट में अन्य समूह ने अपने अपने चैनल खोले. मीडिया के माध्यम से गरीबों तक उनकी पकड़ थी. समाचार जगत के साथ-साथ उन्होंने बहुत बड़ी फिल्म सिटी का निर्माण किया. भारत की जितनी भी प्रतिष्ठित फिल्में हैं अधिकांश की शूटिंग रामोजी फिल्म सिटी में ही हुई है. आज भी फिल्म निर्माण को लेकर रामोजी फिल्म सिटी में कतार लगती है.
सिद्धांतों और कर्तव्यों से रामोजी राव कभी डिगे नहीं:इस मौके पर लखनऊ तेलगू एसोशिएशन के अध्यक्ष डीएन रेड्डी ने कहा कि, आज हम लोग जिस परिप्रेक्ष्य में यहां पर इकट्ठा हुए हैं वह एक ऐसा महानुभाव एक ऐसा शख्स है जो हमारे बीच अब नहीं है. ईटीवी और ईनाडु की बात करें तो ईनाडु एक प्रिंट मीडिया था. उस जमाने में अखबार छापने के लिए प्रिंटिंग मशीन नहीं होती थी. मद्रास से प्रिंट होकर आता था बाद में उन्होंने विजयवाड़ा में व्यवस्था की और अखबार को नई ख्याति प्रदान की. रामोजी राव को जीवन में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा लेकिन वह अपने सिद्धांतों से कभी डिगे नहीं. उस समय की सरकार ने उन्हें बहुत परेशान किया, लेकिन उन्होंने झुकना सीखा नहीं था. सिद्धांतों से समझौता उन्होंने कभी किया ही नहीं था.