जयपुर :प्रदेश में मंदिरों और पुजारियों की सुविधा को लेकर सियासी पारा गर्म हो गया है. पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने गलताजी में सालों पुरानी परंपराओं को लेकर सवाल उठाए तो पलटवार में देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत उतर आए. कुमावत ने कहा कि जिस कांग्रेस ने कभी मदसरों से आगे मंदिरों के बारे कभी सोचा नहीं, वो आज झूठे आरोप लगा रही है. पिछली सरकार ने पशुपालकों को गुमराह किया. एक भी पशु बीमे का क्लेम पास नहीं किया, इतना ही नही जब लंपी रोग फैला तब कांग्रेस के मंत्री होटलों में आराम कर रहे थे.
कांग्रेस के आरोप सच्चाई से परे :राजस्थान के देवस्थान, पशुपालन, डेयरी और गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि गलता पीठ को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आरोप में कोई सच्चाई नहीं है. गलता जी और अधीनस्थ मंदिरों में आवश्यक कार्यों के भुगतान और मंदिरों में सेवा पूजा के लिए 48 लाख रुपए की स्वीकृति जारी की जा चुकी है. सरकार के आदेश के बाद गलताजी के मंदिरों में भोग सामग्री और माला इत्यादि की व्यवस्था नियमित रूप से की जा रही है. पुजारी नियमित रूप से सेवा पूजा कर रहे हैं और हनुमानजी के मुखारविंद का भी भोग लगाया जा रहा है. सरकार की ओर से गलताजी में तुलसी जयंती, जन्माष्टमी, नवरात्र उत्सव, कन्या पूजन, दीपावली पर्व पर भव्य रूप से दीपोत्सव, छठ उत्सव, देव दीपावली जैसे उत्सव और त्योहारों का भव्य आयोजन किया गया है. इसी प्रकार गलताजी और अधीनस्थ मंदिरों में कार्यरत पुजारियों/ सुरक्षाकर्मियों/ गौसेवक/ सफाईकर्मियों के दिसम्बर और जनवरी माह तक का भुगतान भी कर दिया गया है.
पढे़ं.जनगणना पर पूर्व सीएम गहलोत का बयान, 14 साल पुराने आंकड़ों से बिगड़ा योजनाओं का ढर्रा
पुजारियों का भुगतान बढ़ाया :देवस्थान मंत्री ने कहा कि पिछले दिनों प्रयागराज स्थित राजस्थान मंडपम में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में देवस्थान विभाग के अधीन आने वाले मंदिरों में सेवा, पूजा, भोग, प्रसाद, उत्सव, पोशाक, जल एवं प्रकाश सहित सुरक्षा संचालन आदि व्यवस्थाओं के लिए भोगराग को दोगुना करते हुए प्रति मंदिर 3 हजार रुपए करने का निर्णय लिया गया. इन मंदिरों में कार्यरत अंशकालीन पुजारियों को दिए जा रहे मानदेय को भी 5 हजार से बढ़ाकर 7500 रुपए प्रति माह किया गया है. इसके अलावा अलग-अलग श्रेणी के देवस्थान विभाग के मंदिरों के जीर्णोद्धार, मरम्मत और विकास कार्यों के लिए भी 101 करोड़ रुपए दिए जाने का निर्णय भी लिया गया है. राज्य के बाहर देवस्थान विभाग के क्षतिग्रस्त हो चुके मंदिरों के जीर्णोद्धार की स्वीकृति भी मंत्रिपरिषद में दी गई और इसके लिए भी 25 करोड़ का बजट स्वीकृत कर दिया गया है.