जयपुर: राज्य सरकार को दूल्हों की तलाश है. इसके लिए बाकायदा सार्वजनिक विज्ञप्ति जारी की गई है. यह काम किया है सामाजिक न्याय व आधिकारिता विभाग ने. विभाग ने अपने राज्य महिला सदन, जयपुर में रह रही आवासनियों के विवाह के लिए पहल करते हुए यह कदम उठाया है. विभाग ने हाल ही में एक विज्ञप्ति जारी की है. इसके अनुसार महिला सदन की आवासनियों के विवाह के लिए कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है.
जयपुर के महिला सदन में 15 आवासनियों का विवाह किया जाएगा. इसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों हैं. विभाग ने इसके लिए योग्य युवकों से आवेदन मांगे हैं. इच्छुक और योग्य लड़के 20 जनवरी तक कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं.
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ये जारी हुई विज्ञप्ति:जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य महिला सदन, जयपुर में रहने वाले इच्छुक और योग्य हिन्दू - मुस्लिम धर्म से संबंधित 15 आवासनियों का विवाह द्वारा पुनर्वास किया जाना है. इनमें चार दिव्यांग भी हैं. ऐसे में विवाह के लिए इच्छुक और योग्य आवेदक राज्य महिला सदन, जयपुर के साथ कार्यालय अधीक्षक के यहां आवेदन कर सकते हैं. साथ ही विभागीय वेबसाइट https://sje.rajasthan.gov.in से आवेदन पत्र प्राप्त करके आवश्यक दस्तावेजों के साथ 20 जनवरी शाम 4 बजे तक कार्यालय में आवेदन जमा कराए जा सकते हैं. निर्धारित समय के बाद आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किए जाएंगे.
विवाह पुनर्वास योजना:दरअसल, महिला सदन में विवाह पुनर्वास कार्यक्रम में उन आवासनियों के लिए विवाह आयोजित किए जाएंगे, जो आर्थिक रूप से कमजोर और सामाजिक रूप से वंचित हैं. विवाह के माध्यम से महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है. इस योजना के तहत महिला सदन में रहने वाली आवासिनियों की इच्छा के बाद विभाग विवाह का प्रस्ताव तैयार करता है. प्रस्ताव के तहत इच्छुक और योग्य लड़के को आवेदन करना होता है. आवेदन में युवक को अपनी और अपने परिवार की जानकारी देनी होती है. शिक्षा , रोजगार सहित तमाम जानकारी देने के बाद आवेदन जमा होता है. इसके बाद विभाग की ओर से आवेदन की समीक्षा होती है. इसके बाद वर, वधू की आपसी सहमति के बाद विवाह तय किया जाता है.
लिंगानुपात और इसके सामाजिक प्रभाव:राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) के अनुसार, राजस्थान में लिंगानुपात अभी भी राष्ट्रीय औसत से कम है. बेटियों को बोझ समझने की मानसिकता, भ्रूण हत्या, और शिक्षा की कमी जैसी समस्याओं के कारण बालिकाओं की संख्या घट रही है. राज्य में कई जिलों में लिंगानुपात चिंताजनक स्तर तक गिर चुका है.