पूर्व सीएम रमन सिंह ने दिखाया था सपना, वन ग्राम की बदलेगी किस्मत, खैरबार के ग्रामीणों को पूरा होने का इंतजार - problems for villagers - PROBLEMS FOR VILLAGERS
Demand to convert forest village khairbar सरगुजा संभाग का एक गांव आज भी अपने वनग्राम होने का दंश झेल रहा है.पूर्व सीएम रमन सिंह ने गांव को राजस्व ग्राम का दर्जा देने की घोषणा की थी,लेकिन 9 साल बाद भी ये गांव राजस्व गांव में तब्दील ना हो सका.
पूर्व सीएम रमन सिंह ने दिखाया था सपना (ETV Bharat Chhattisgarh)
सरगुजा : संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर से लगे एक गांव के लोगों को अपनी जमीन का पूर्ण अधिकार नही मिल पा रहा है. यहां के ग्रामीण 2015 से सरकार की घोषणा पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं. 9 वर्ष पहले जो सपना तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इस गांव के लोगों को दिखाया था वो सपना ही बनकर रह गया है. 2018 में सत्ता परिवर्तन हुआ. लिहाजा एक बार फिर से ग्रामीणों में उम्मीद बंधी है कि इस बार सरकार जरुर मेहरबान होगी.जो सपना रमन सिंह के शासन में ग्रामीणों ने देखा था वो जरुर पूरा होगा.
क्या है मामला ?: बात 2015 की है जब तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने यह घोषणा की था कि वन ग्राम खैरबार को राजस्व ग्राम घोषित किया जाता है. लेकिन इस घोषणा का असर कागजों पर नही आ सका. नतीजतन यहां रहने वाले लोग, अपनी जमीन से किसी भी प्रकार का लाभ नही ले सकते हैं. इस गांव की जमीन को बेचा नहीं जा सकता, घर बनाने या अन्य किसी काम के लिए कर्ज नहीं लिया जा सकता. यहां तक की बच्चों का जाति निवास प्रमाण पत्र तक बनवाने में दिक्कत होती है.
खैरबार के ग्रामीणों को सपना पूरा होने का इंतजार (ETV Bharat Chhattisgarh)
वन ग्राम होने से क्या हुई दिक्कत : मामला ये है कि वन ग्राम होने के कारण पूरे गांव का सिर्फ एक ही खसरा नंबर है. एक खसरा नंबर होने के कारण सरकारी रिकार्ड में नक्शा भी एक ही है. इस स्थिति में इस गांव के अलग अलग भू खंडो का नक्शा काट पाना संभव नही है. अलग-अलग खसरा नंबर भी अलॉट नहीं हो सकता जिसके कारण जमीनों की रजिस्ट्री भी नही हो सकती है.इसलिए ग्रामीण परेशान हैं.
ग्रामीणों की माने तो मुसीबत के समय वो इस जमीन को बेच नही सकते हैं. जाति निवास बनवाने के लिए कागजात नहीं हैं. बहुत दिक्कत होती है, अगर वन ग्राम को राजस्व ग्राम में दर्ज करने की प्रक्रिया पूरी हो जाती तो हम लोगों की वर्षों पुरानी समस्या हल हो जाती.
" ग्राम पंचायत से दावा आपत्ति का प्रथम प्रकाशन हो चुका है. 144 आपत्तियां आई है, राजस्व टीम ने सबका अलग अलग सीमांकन कर लिया है. प्रशासन अगर जल्दी प्रक्रिया पूरी कर लेता तो हम लोगों को पूर्ण राजस्व ग्राम का लाभ मिल सकता है" अदीप एक्का, उपसरपंच
वहीं इस क्षेत्र के बीजेपी नेता जितेंद्र सोनी के मुताबिक 9 साल पहले मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने खैरबार को वन ग्राम से राजस्व ग्राम घोषित किया था. कुछ ही वर्षो में आचार संहिता लग गई और फिर सरकार चली गई. कांग्रेस की सरकार में क्या हुआ ये तो मैं नही कह सकता. लेकिन वर्तमान में हमारी सरकार आई जिसके बाद विधायक से इस समस्या को बताया गया,उन्होंने जल्द ही ग्रामीणों को राहत देने की बात कही है.