लखनऊ : एक ओर जहां देश में भाजपा के खिलाफ मजबूत गठबंधन खड़ा करने के लिए कांग्रेस हर संभव प्रयास कर रही है तो वहीं बिहार, पश्चिम बंगाल और पंजाब से उसके लिए बुरी खबरें आ रही हैं. वहां के सत्ताधारी दल कांग्रेस के गठबंधन से दूसरी बनाने की बात सार्वजनिक तौर पर कह रहे हैं. वहीं उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश में कांग्रेस के लिए 11 सीटों की पेशकश कर यह बता दिया है कि प्रदेश में गठबंधन मजबूती के साथ आगे की ओर बढ़ रहा है. वहीं कांग्रेस पार्टी प्रदेश में अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. पार्टी पिछले चुनाव में एकमात्र संसदीय सीट जीतने में कामयाब हुई थी. राहुल गांधी भी अपनी परंपरागत अमेठी सीट बचा पाने में नाकाम रहे थे. ऐसे में आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस पार्टी की तैयारी कैसी है, यह जानने के लिए ईटीवी भारत ने बात की प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय से. देखिए पूरी खबर...
प्रश्न : आज समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश में कांग्रेस के लिए 11 सीटों की पेशकश की है. क्या आप इससे संतुष्ट हैं?
उत्तर : देखिए है ऐसा है, इस पर हमारा राष्ट्रीय नेतृत्व जिसकी एक कमेटी बनी है, जिसमें राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और मोहन प्रकाश शामिल हैं और सीटों को लेकर यह लोग वार्ता कर रहे हैं. प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडेय भी वार्ता कर रहे हैं. बहुत ही सौहार्दपूर्ण वातावरण में बातें चल रही हैं और जल्दी ही इसका परिणाम सामने आ जाएगा.
प्रश्न : आपको क्या लगता है कि कितनी सीटें कांग्रेस को मिलनी चाहिए? आपकी कोई मांग तो होगी?
उत्तर : देखिए ऐसा है, इस विषय पर कमेटी बात कर रही है. आने वाले समय में बहुत ही मजबूत स्थिति आपको देखने को मिलेगी. एक अच्छी संख्या आपके सामने आएगी.
प्रश्न : आपकी दावेदारी कितनी सीटों पर है?
उत्तर : जब हम प्रदेश में काम कर रहे हैं तो हमारी दावेदारी स्वाभाविक है. वर्ष 2009 में हम 23 सीटें जीतकर आए थे. लगातार हम मजबूती से काम कर रहे हैं. राजनीति में उतार-चढ़ाव तो लगे ही रहते हैं. हमारा गठबंधन मजबूती से काम कर रहा है.
प्रश्न : क्या राहुल गांधी अमेठी से इस बार चुनाव लड़ेंगे?
उत्तर : अमेठी-रायबरेली घर है उनका. इसमें पूछने वाली बात ही नहीं है. क्षेत्र की जनता की परिवार की तरह सेवा की गई है. राजीव गांधी हों या सोनिया या फिर राहुल गांधी, सभी ने क्षेत्र में परिवार की तरह से काम किया है. लोगों का प्यार है राहुल गांधी से.
प्रश्न : लेकिन प्यार के साथ कहीं न कहीं लोगों की नाराजगी भी रही. क्योंकि राहुल गांधी ने अमेठी के साथ वायनाड से भी चुनाव लड़ा था. शायद इसी कारण अमेठी की जनता ने उन्हें नकार दिया. यदि इस बार भी राहुल गांधी दो सीटों से लड़ते हैं तो लोगों की नाराजगी उन्हें फिर झेलनी पड़ सकती है?
उत्तर : जहां पर अपनापन होता है, वहीं नाराजगी भी होती है. वर्तमान सांसद स्मृति ईरानी के वोट बटोरा, पर वादे पूरे नहीं किए. उन्होंने कहा था कि कमल के फूल वाला बटन दबाओ और 13 रुपये किलो में चीनी ले लो. उन्होंने यह बात जनसभा में कही थी. आप जनता को बेवकूफ बनाकर वोट ले रहे हैं. अभी संजय गांधी अस्पताल को शिकायत करके बंद करा दिया. कोर्ट के आदेश पर बाद में बहाल हुआ.
प्रश्न : स्मृति ईरानी तो कहती हैं कि वह विकास के मुद्दे पर वोट मांगेंगी? वह तो विकास की लंबी फेहरिस्त गिनाती हैं.
उत्तर : वह एक काम बताएं जो कराया है. बंद कराने का मैं बता सकता हूं. राहुल गांधी मेगा फूड मार्ट लेकर आए थे, उसे बंद करा दिया. कैंप लगाकर सीआरपीएफ की जो भर्तियां होती थीं, वह भी बंद करा दी गईं. एक अस्पताल बता दें स्मृति ईरानी जो बनवाया हो. राहुल जी के समय की योजनाओं पर वह वाहवाही लूट रही हैं. कोई ऐसा काम बता दें जिससे वहां के हजारों लोगों को नौकरी मिल गई हो. बेरोजगारों को रोजगार मिल गया हो.
प्रश्न : रायबरेली से इस बार सोनिया जी चुनाव लड़ेंगी या प्रियंका गांधी वाड्रा?
उत्तर : देखिए ऐसा है कि रायबरेली और अमेठी परिवार की सीट है. वहां की जनता का हमरा पीढ़ियों का रिश्ता है. अभी यह तय करना है कि वहां से कौन लड़ेगा. हालांकि यह पक्का है कि यह सीट परिवार की है और परिवार के लोग ही इस सीट को जानते हैं.
प्रश्न : कहा जा रहा है कि सोनिया गांधी इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगी और उनके स्थान पर प्रियंका गांघी को चुनाव मैदान में उतारा जाएगा?
उत्तर : वहां का कांग्रेस के साथ रिश्ता पीढ़ियों पुराना है. इस सीट से परिवार का ही कोई सदस्य चुनाव लड़ेगा. इस बात में कोई संशय नहीं है. इस बारे में अधिक जानकारी नहीं है.