लखनऊ : उत्तर प्रदेश में तमाम व्यावसायिक वाहन मालिक अपना व्यापार कर रहे हैं, लेकिन परिवहन विभाग का सैकड़ों करोड़ रुपए बकाया टैक्स नहीं चुका रहे हैं. कई बार नोटिस के बावजूद टैक्स बकायेदारों ने बकाया चुकाने की जहमत नहीं उठाई. अब परिवहन विभाग ने एक ऐसा प्लान तैयार किया है, जिससे भविष्य में व्यावसायिक वाहन मालिक टैक्स नहीं रोक पाएंगे.
दरअसल, परिवहन विभाग ने शासन को जो प्रस्ताव भेजा है, उसमें साढ़े सात टन तक भार वाले व्यावसायिक और यात्री वाहनों से भी वन टाइम टैक्स जमा कराने का प्लान है. परिवहन विभाग ने मुख्य सचिव के सामने प्रेजेंटेशन भी दे दिया है और सहमति भी दे दी गई है. यानी अब साढ़े सात टन तक भार वाले वाहनों को भी निजी वाहनों की तरह ही एक साथ टैक्स चुकाना होगा. इससे परिवहन विभाग का क्वार्टरली, हाफ इयरली और ईयरली टैक्स लेने का झंझट खत्म हो जाएगा.
परिवहन निगम का नया प्लान (Video credit: ETV Bharat) परिवहन विभाग ने वन टाइम टैक्स चुकाने वाले व्यावसायिक वाहन मालिकों के लिए एक सुविधा भी देने की योजना बनाई है. वह यह है कि एक साथ टैक्स का भुगतान करने पर उन्हें कुल टैक्स का 75% ही टैक्स जमा करना पड़ेगा. 25% की छूट मिलेगी. उदाहरण के तौर पर किसी निजी वाहन मालिक को एक कार खरीदने पर अगर दो लाख रुपए टैक्स चुकाना पड़ता है.
वहीं व्यावसायिक वाहन के लिए वाहन मालिक को छूट मिलने पर डेढ़ लाख रुपए का ही टैक्स अदा करना होगा. कारण है कि निजी वाहनों से कमर्शियल वाहनों का टैक्स डेढ़ से दो फीसद ज्यादा वसूल किया जाता है. सीधे तौर पर व्यावसायिक वाहन मालिक को इसका फायदा मिलेगा. एक और खास बात ये है कि टैक्स भी सिर्फ 10 साल तक के लिए ही चुकाना होगा, क्योंकि कमर्शियल वाहन का परमिट 10 साल के लिए ही होता है.
ये हैं साढ़े सात टन क्षमता वाले वाहन :साढ़े सात टन तक के भार वाले और यात्री वाहनों की बात करें तो इनमें टाटा एस, मिनी ट्रक, छोटी कारें, ऑटो, टेम्पो, ई रिक्शा से भी एक मुश्त टैक्स ही वसूल किए जाने की परिवहन विभाग की योजना है. ऐसे पुराने व्यावसायिक वाहन जो सड़क पर संचालित हो रहे हैं उन्हें भी अब अपना बकाया टैक्स एक साथ ही जमा करना पड़ेगा. अभी तक ऐसे वाहन तिमाही, छमाही या फिर सालाना टैक्स जमा करते हैं. व्यावसायिक वाहनों की हर साल फिटनेस होती है. तीन टन तक क्षमता वाले वाहनों के लिए परमिट की आवश्यकता नहीं होती है. इससे ऊपर की क्षमता वाले वाहनों को परमिट भी लेना पड़ता है.
क्या कहते हैं अपर परिवहन आयुक्त :उत्तर प्रदेश के अपर परिवहन आयुक्त (प्रवर्तन) एके सिंह का कहना है कि परिवहन विभाग की तरफ से शासन को साढ़े सात टन तक की क्षमता वाले व्यावसायिक वाहनों से वन टाइम टैक्स वसूल का प्रस्ताव भेजा गया था. मुख्य सचिव के सामने इसका प्रेजेंटेशन हो चुका है. अब जल्द ही इसकी अधिसूचना जारी हो जाएगी और व्यावसायिक माल वाहनों और यात्री वाहनों से एकमुश्त टैक्स जमा कराया जाएगा. इन वाहनों में बस और ट्रक शामिल नहीं होंगे. वन टाइम टैक्स जमा करने का फायदा वाहन मालिकों को दिया जाएगा. उन्हें वन टाइम टैक्स जमा करने पर 25% तक की छूट दी जाएगी. इसका फायदा जहां परिवहन विभाग को मिलेगा, वहीं वाहन मालिकों को भी होगा.
उन्होंने बताया कि परिवहन विभाग को अपना बकाया टैक्स वसूलने के लिए बार-बार वाहन मालिक की तलाश नहीं करनी पड़ेगी. अभी तक तमाम ऐसे छोटे व्यावसायिक वाहन हैं, जिन पर परिवहन विभाग का कई करोड़ रुपए बकाया है, लेकिन वह जमा नहीं कर रहे हैं. एक साथ टैक्स मिल जाने पर इस तरह की समस्या ही सामने नहीं आएगी. पुराने कमर्शियल वाहन मालिकों का जितना टैक्स बकाया होगा उतना वह एकमुश्त जमा कर सकेंगे. उन्हें भी वन टाइम टैक्स जमा करने पर छूट की सुविधा मिलेगी.
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