बस्ती: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को कर्मा देवी शैक्षणिक संस्थान के 15वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में हिस्सा लेने बस्ती पहुंचे. इस दौरान सीएम ने संस्था के संस्थापक रिटायर्ड आईएएस व वर्तमान में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष ओएन सिंह को बधाई दी. इस दौरान मंच पर मुख्यमंत्री योगी का आईएस अधिकारी पैर छूते नजर आए.
कभी अवध प्रांत का हिस्सा था बस्तीःसीएम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बस्ती कभी अवध प्रांत का हिस्सा हुआ करता था और राजा दशरथ ने भी पुत्रेष्ठ यज्ञ बस्ती की धरती पर किया था. जिसके बाद भगवान राम का जन्म हुआ. महर्षि वशिष्ठ ने भी अपना आश्रम बस्ती की धरती पर बनाया. भगवान राम ने हमें प्रेरणा दी कि व्यक्ति कितना भी धन प्राप्त कर ले लेकिन तब तक वह अधूरा है. जब तक वह अपनी मां और मातृभूमि के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित न करे. मैं धन्यवाद देता हूं ओम नारायण सिंह को जिन्होंने मां की स्मृतियों को इस समूह के रूप में स्थापित किया और आज बड़ी संख्या में गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल रही है.
बस्ती अब नगर बन चुका हैःसीएम योगी ने कहा कि एक व्यक्ति का स्वावलंबन इस समाज का स्वावलंबन होता है. अंतत: राष्ट्र का स्वावलंबन होता है. राष्ट्र आत्मनिर्भर यहीं से बनता है. दुनिया के अंदर जितने भी देश विकसित हैं, उन्होंने व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाया है, योग्यता को महत्व दिया है, टेक्नोलॉजी को अपनाया है, परिश्रम की पराकाष्ठा को महत्व दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘बस्ती’, बस्ती नहीं, अब नगर बन चुका है. भव्यता के साथ अपनी विकास यात्रा को आगे बढ़ाने वाला नगर बन गया है.
भारत की सभी भाषाएं एकता की प्रतीकःसीएम योगी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्किल डेवलपमेंट पर ज्यादा फोकस है. कोई भी नौजवान जब अपने संस्थान से पढ़ाई पूरी कर निकले तो अपने आप को असहाय महसूस न करे बल्कि उसको विश्वास हो कि वह अपने पैरों पर खड़ा है. इसके लिए अच्छा होगा कि हम उन बच्चों को दुनिया की तमाम भाषाओं के बारे में जनरल जानकारी दें ताकि उसको पता चल सके कि किस देश और प्रदेश में उसके स्किल की डिमांड है. इस के लिए हमें बच्चों को दुनिया की भाषाओं के बारे सामान्य बातों को पढ़ाना चाहिए. भारत की सभी भाषाएं एकता की प्रतीक है. सभी भाषाओं के बारे में सामान्य रूप से पढ़ाया जाना चाहिए ताकि बच्चा किसी भी राज्य में जाए तो वहां की जनरल भाषा का उसे ज्ञान हो. इन सभी भाषाओं की जाननी संस्कृत है. अगर थोड़ा सा प्रयास करेंगे तो देखेंगे एक भारत श्रेष्ठ भारत का सपना साकार होगा. जब दुनिया के किसी देश में जाएंगे तो वहां की भी मैपिंग हमारे दिमाग में होगी. उनके यहां कितने स्टाफ की नर्सिंग में और कितने अन्य ट्रेड में जरूरत है.
योपी में बन रहा फार्मा पार्कः सीएम ने कहा कि भारत के पैरा मेडिकल और नर्सिंग की पूरी दुनिया में मांग है. बशर्ते उस मांग को पूरा करने के लिए हम अपने आप को तैयार कर सकें. फार्मेसी का क्षेत्र इतना बड़ा है कि थोड़ा का प्रयास करें तो जो दुनिया से दवाएं आ रही हैं, वह यहीं पर बन सकेंगी. कोरोना में चीन ने हमें धोखा दे दिया. दवाओं की सप्लाई नहीं दी. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के अंदर फार्मा को पुनर्जीवित किया और दवाएं बनने लगी. जिन दवाओं को हम बाहर से मंगाते हैं, हमारा फार्मा उद्योग को उस को आगे बढ़ा कर देश में दवाओं को बना सकता है. हम उत्तर प्रदेश में फार्मा पार्क बना रहे हैं, जहां पर 2000 एकड़ में फार्मा के अलग अलग सेक्टर बनाए जाएंगे. पहले चरण की शुरुआत बुंदेलखंड से शुरू की है, वहां पर उद्योग लगने शुरू हो गए हैं. लोगों ने अपने प्रोडक्शन के लिए यूनिट लगाना शुरू कर दिया है.
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