छिन्दवाड़ा: रिटायरमेंट के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों की विदाई होती है, लेकिन कुछ विदाई यादगार बन जाती है. ऐसा ही कुछ छिंदवाड़ा के आदिवासी अंचल तामिया के जमुनिया में देखने को मिला, जहां 22 सालों तक अपनी सेवा देने के बाद जब एक शिक्षिका रिटायर्ड हुई तो पूरा गांव उनकी विदा करने चल पड़ा. ग्रामीण बैंड-बाजे के साथ गांव से 3 किलोमीटर दूर तामिया छोड़कर आए.
टीचर की ऐसी विदाई, आखों में आंसू लेकर मैडम को बैलगाड़ी से लेकर चल पड़ा पूरा गांव - CHHINDWARA TEACHER UNIQUE FAREWELL
छिंदवाड़ा के तामिया में एक शिक्षिका को रिटायरमेंट के बाद गांव वालों ने बैलगाड़ी पर बिठाकर भव्य विदाई दी. 22 साल तक दी थी सेवा.
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team
Published : Dec 30, 2024, 7:55 PM IST
|Updated : Dec 30, 2024, 8:03 PM IST
मामला तामिया के जमुनियाखुर्द का है, जहां माध्यमिक शाला जमुनिया में कार्यरत शिक्षिका अलका विभूते सेवानिवृत्त हो गईं. 28 दिसंबर को उनका विदाई समारोह रखा गया था. 22 साल तक गांव के स्कूल में पढ़ाने के चलते ग्रामीणों का उनसे भावनात्मक लगाव हो गया था. इस वजह से उन्हें विदाई देने के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा. ग्रामीणों ने अलका विभूते को सजी बैलगाड़ी में बिठाकर 3 किलोमीटर तक ढोल-ताशों के साथ विदा किया. उनकी विदाई में पूरे गांव वालों की आंख में आंसू थे.
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'शिक्षिका नहीं गांव की सदस्य थीं अलका मैडम'
जमुनिया खुर्द के ग्रामीण सुखचैन परते ने बताया कि "अलका मैडम हमारे लिए शिक्षिका नहीं बल्कि हमारे गांव की सदस्य थीं. 22 सालों से वे लगातार हमारे बच्चों को पढ़ा रही थीं. इतने सालों में कभी ऐसा नहीं लगा कि उन्होंने पढ़ाई के प्रति लापरवाही की. समय से वे स्कूल आती थीं और समय से ही स्कूल बंद करती थीं. जब वो रिटायर्ड हुईं तो पूरा गांव उन्हें विदा करने निकल पड़ा."