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उत्तराखंड को वित्तीय वर्ष 2024-25 के इन 48 दिनों में मिला 11 फीसदी का राजस्व, जानिए कौन भर रहा खजाना! - Revenue Income of Uttarakhand - REVENUE INCOME OF UTTARAKHAND

Uttarakhand Got 11 Percent Revenue वित्तीय वर्ष 2024-25 को 48 दिन हो गए हैं. उत्तराखंड की बात करें तो इन 48 दिनों में 11 फीसदी का राजस्व मिला है. सबसे ज्यादा राजस्व राज्य जीएसटी विभाग से हासिल हुआ है. इसकी जानकारी समीक्षा बैठक में दी गई है.

Cabinet Minister Premchand Aggarwal
अधिकारियों के साथ बैठक करते वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल (फोटो सोर्स- ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 21, 2024, 6:59 PM IST

उत्तराखंड को वित्तीय वर्ष 2024-25 के इन 48 दिनों में मिला 11 फीसदी का राजस्व (ईटीवी भारत.)

देहरादून:उत्तराखंड केवित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने वित्त विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ विभागीय समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए तो वहीं बैठक के बाद उन्होंने जानकारी दी कि 18 मई तक सरकार ने सभी राजस्व प्राप्ति वाले विभागों में अपने लक्ष्य को पूरा कर लिया है. इस तरह से करीबन 11 फीसदी का राजस्व हासिल कर लिया गया है.

वित्तीय वर्ष 2023-24 में 4 हजार करोड़ रुपए ज्यादा हुआ व्यय:विधानसभा में आयोजित समीक्षा बैठक में उच्च अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2022-23 में कुल व्यय 56 हजार करोड़ रुपए रहा. जबकि, वर्ष 2023-24 में यह व्यय बढ़कर 60 हजार करोड़ रुपए हो गया. इस तरह से वर्ष 2022-23 की तुलना में करीब 4 हजार करोड़ रुपए ज्यादा व्यय हुआ है.

सरप्लस की स्थिति में रेवेन्यू, जीएसटी में करीब 13 फीसदी का इजाफा: इसके अलावा उच्च अधिकारियों ने बताया गया कि पूंजीगत परिव्यय 10,982 करोड़ रुपए का हुआ. जो वर्ष 2022-23 में 8,195 करोड़ रुपए था. अधिकारियों की मानें तो उत्तराखंड में अभी तक रेवेन्यू सरप्लस की स्थिति है. जीएसटी में करीब 13 फीसदी की वृद्धि देखी गई है.

उच्च अधिकारियों ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में बजट के अनुमान का अभी तक करीब 11 फीसदी राजस्व हासिल हो चुका है. यह इजाफा मुख्यतः एसजीएसटी, वैट, स्टांप, आबकारी आदि विभाग की ओर से देखा जा रहा है. जिस पर वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने वर्ष 2023-24 में पूंजी परिव्यय(Capital Outlay) में 34 फीसदी का इजाफा होने पर सराहना की.

इसके अलावा उन्होंने राज्य के कर राजस्व में भी इजाफा होने पर भी सराहना की. उन्होंने नॉन टैक्स में इजाफे की संभावना और विभाग को केंद्र पोषित योजना की विशेष समीक्षा करने के निर्देश दिए. साथ ही यूसी समय पर देने को कहा. उन्होंने गति (Momentum) को बनाए रखने के लिए भी उच्चाधिकारियों को निर्देश दिए.

वित्त विभाग में रिक्त पदों और पदोन्नति पर कार्रवाई करने के निर्देश:वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि वित्त विभाग में पेंडिंग कार्यप्रणाली में सुधार लाया जाए. ताकि, कार्य बाधित न हो और ससमय कार्य गतिमान रहे. उन्होंने विभागों को नवाचार करने के लिए प्रेरित किया.

इसके अलावा 30 जून तक वित्त विभाग में रिक्त पदों पर भर्ती और पदोन्नति पर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए भी कहा. इस दौरान सोसाइटी रजिस्ट्रेशन के लिए नियमावली बनाने का रजिस्ट्रार चीफ फंड की ओर से आग्रह किया गया. जिस पर विभागीय मंत्री ने सचिव वित्त दिलीप जावलकर को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए.

1 अप्रैल से 18 मई तक सरकार को प्राप्त राजस्व

  • राज्य जीएसटी विभाग से 1,137 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ, जो कि लक्ष्य का 11 फीसदी है.
  • नॉन जीएसटी से 29 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ, जो कि लक्ष्य का 10 फीसदी है.
  • स्टांप और रजिस्ट्रेशन से सरकार को प्राप्त राजस्व 339 करोड़ रुपए, लक्ष्य का 13 फीसदी है.
  • ट्रांसपोर्ट से 173 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ, जो कि लक्ष्य का 11 फीसदी है.
  • शराब से 48 दिन में सरकार को 640 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ, जो कि लक्ष्य का 14 फीसदी है.
  • वाटर टैक्स से 12 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ, जो कि टारगेट का 2 फीसदी है.
  • बिजली से 31 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ, जो कि लक्ष्य का 6 फीसदी है.
  • नो टैक्सेबल पावर से 25 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ, जो कि लक्ष्य का 3 फीसदी है.
  • फॉरेस्ट एंड वाइल्डलाइफ से 28 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ, जो कि लक्ष्य का 4 फीसदी है.
  • खनन से 108 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ, जो कि लक्ष्य का 12 फीसदी है.
  • ब्याज से 36 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ, जो लक्ष्य का 42 फीसदी है.
  • अतिरिक्त माध्यमों से 162 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो लक्ष्य का 6 फीसदी है.

इस तरह से इस वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से लेकर 18 मई तक यानी इन 48 दिनों में उत्तराखंड ने अपने सभी विभागों के जरिए अपने निर्धारित वार्षिक लक्ष्य का औसतन 11 फीसदी हासिल कर लिया है, जो कि तकरीबन 2,930 करोड़ के करीब है.

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