जगत सिंह नेगी की कंगना रनौत पर टिप्पणी (Himachal Assembly) शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान सुक्खू सरकार के कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी ने सांसद कंगना रनौत के मेकअप को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की. जिसको लेकर अब सियासत गरम हो गई है. सदन में जगत नेगी ने कहा, "आपदा के दौरान कंगना रनौत कहां थी. कंगना ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा तब किया जब सब कुछ ठीक हो चुका था. वह आपदा के समय इसलिए नहीं आई की बारिश में उनका मेकअप धुल जाता और लोग उन्हें बिना मेकअप के पहचान नहीं पाते कि वह कंगना हैं या उनकी मां है.
दरअसल, हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र के दौरान आपदा पर कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी अपनी बात रख रहे थे. इस दौरान जगत सिंह नेगी ने कहा, "हम आपदा में कितने समय के अंदर पीड़ितों को राहत दे सकते हैं. अगर अभी कहीं बादल फट गया और दो दिन बाद पहुंचा जाए, जैसे कंगना रनौत कर रही हैं. कंगना रनौत ने ट्वीट किया कि कुछ अधिकारियों और विधायकों ने उन्हें कहा कि हिमाचल में रेड-ऑरेंज अलर्ट है. इसलिए आप अभी मत आओ. जबकि उस समय उनके चुनाव क्षेत्र समेज में 34 लोग जान गंवा चुके थे, मंडी में 9 लोग जान गंवा चुके थे, ये तो मेरे ख्याल में विधायकों में जयराम जी होंगे. जिन्होंने कंगना को कहा होगा कि मत आओ खतरा है. आराम से आओ और कंगना समय पर नहीं पहुंची, उन्हें (कंगना) बरसात में वैसे भी नहीं आना था. नहीं तो उनका मेकअप सारा खराब हो जाता. फिर पता ही नहीं लगना था कि ये कंगना है या कंगना की मां है. वो तब आईं जब सब कुछ ठीक ठाक हो गया और वो घड़ियाली आंसू बहाकर चली गईं".
कंगना रनौत के मेकअप पर जगत सिंह नेगी के बयान पर अब राजनीति शुरू हो गई है. एक्स मीडिया पोस्ट में भी कई लोग उनके सदन के अंदर कंगना पर की गई टिप्पणी को लेकर आपत्ति जाहिर की है. जिसके बाद जगत सिंह नेगी ने सफाई दी है. जगत सिंह नेगी ने कहा, "भाजपा के लोग हर बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश करने के लिए जाने जाते हैं. मैंने कंगना का अपमान नहीं किया, यह एक तंज था कि वह ऐसी आपदा के समय घटनास्थल का दौरा नहीं कर रही हैं और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रही है. क्या रेड और ऑरेंज अलर्ट होने पर नहीं आना और अपनी जिम्मेवारी से पिंड छुड़ाना लेना चाहिए. उनके क्षेत्र में 34 लोग की जान चली गई. आप घटना के बाद हफ्ते भर बाद आते हो और घड़ियाली आंसू बहाकर चले जाते हो".
वहीं, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी कहा कि पिछले साल बादल फटने और बाढ़ के कारण राज्य को लगभग 12,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. 500 लोगों की जाने चली गई. 26000 घरों और गौशालाओं को नुकसान पहुंचा, हजारों बीघे भूमि बर्बाद हो गई. पशुधन को भारी नुकसान हुआ है. लेकिन केंद्र सरकार ने हिमाचल की मदद नहीं की. संसाधनों की कमी के बावजूद हिमाचल सरकार ने प्रदेश को विशेष आर्थिक पैकेज दिया. इस साल भी समेज में बाढ़ और आपदा की तीन बड़ी घटनाएं हुईं, जिनमें 34 लोग मारे गए। दूसरी घटना कुल्लू जिले में हुई और तीसरी घटना मंडी में हुई, जिसमें दोनों जगहों पर 7 से 8 लोग मारे गए.
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