कांकेर : भारत भले ही कितना प्रगतिशील हो जाए.लेकिन आज भी समाज में कुछ ऐसे मामले देखने को मिलते हैं,जो ये सोचने पर मजबूर करते हैं,क्या वाकई हम आजाद हैं.कांकेर के चारामा ब्लॉक में ऐसा ही एक मामला सामने आया है.जहां सरपंच के तुगलकी फरमान के कारण 12 सदस्यों का परिवार परेशान है.परिवार का आरोप है कि गांव के सरपंच ने उनका हुक्कापानी बंद करने का फरमान सुनाया है.जिसके बाद ना तो गांव में उनसे कोई बात कर रहा है और ना ही किसी सामाजिक कार्यक्रम में बुला रहा है.यही नहीं उनकी दुकान से सामान खरीदने वालों पर 15 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है.
परिवार का हुक्कापानी बंद :कांकेर कलेक्टर के पास जेपरा गांव से 12 सदस्यीय परिवार मदद की गुहार लगाने पहुंचा है.परिवार का आरोप कि उनके गांव के सरपंच ने पूरे परिवार के साथ अन्याय किया है. परिवार के सदस्यों की माने तो गांव ने फरमान सुनाया है कि उनसे गांव का कोई भी व्यक्ति बात नहीं करेगा.यही नहीं उनके दुकान से कोई भी सामान नहीं खरीदेगा.
सरपंच का तुगलकी फरमान : पीड़ित परिवार का कहना है कि उनकी पैतृक संपत्ति गांव में थी. पैतृक संपत्ति पर ही परिवार ने एक मकान बनवाया.लेकिन मकान बनने के बाद से गांव के सरपंच और दूसरे प्रमुख नाराज हो गए.इसकी वजह परिवार को नहीं बताई गई.फिर एक दिन सभी ने एक मत होकर पूरे परिवार का हुक्कापानी बंद करने का फरमान सुना दिया. अब दो हफ्तों से गांव का कोई भी सदस्य परिवार से किसी भी तरह का कोई नाता नहीं रख रहा है. इसलिए अब परिवार कलेक्टर के पास मदद की गुहार लगाने आया है.