सिरमौर: हिमाचल प्रदेश के निचले पर्वतीय क्षेत्रों में किसान भिंडी, फ्रेंच बीन, खीरा, समर स्क्वैश, करेला व लौकी सहित अन्य सब्जियों की बिजाई करें. किसानों को ये सलाह चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर ने फरवरी माह के दूसरे पखवाड़े में किए जाने वाले कृषि कार्यों के संदर्भ में दी है.
कृषि विज्ञान केंद्र सिरमौर के प्रभारी एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पंकज मित्तल ने बताया,"निचले पर्वतीय क्षेत्रों में भिंडी की पालम कोमल, परभनी क्रांति, पी-8, अर्का अनामिका, वर्षा उपहार, यूएस-7109, पांचाली, उमंग, इंद्रनील और फ्रेंच बीन की कंटेडर, प्रीमियर, पालम मृदुला, फाल्गुनी, सोलन नैना व अर्का कोमल आदि की बिजाई की जा सकती है."
किन किस्मों की करें बिजाई
डॉ. पंकज मित्तल ने बताया कि अंतिम जुताई से पहले भिंडी, खीरे और लौकी की किन किस्मों की बिजाई करें.
- भिंडी में 8 क्विंटल गोबर खाद, 12 किलो एनपीके (12:32:16), 4 किलो म्यूरेट ऑफ पोटाश और 4 किलो यूरिया सहित फ्रेंच बीन में 16 क्विंटल गोबर खाद और 25 किलो एनपीके (12:32:16) प्रति बीघा खेत में प्रयोग करें. इन फसलों में खरपतवार नियंत्रण के लिए 320 मिलीलीटर स्टॉम्प (पेंडीमेथालिन) 60 लीटर पानी की दर से प्रति बीघा बिजाई के 2 दिन के भीतर छिड़काव करें.
- इन क्षेत्रों में खीरे की लॉन्ग ग्रीन, पॉइंसेट, यूएस 6125, नूरी, मालिनी, संकर-243, समर स्क्वैश की पूसा अलंकार, ऑस्ट्रेलियन ग्रीन, करेले की सोलन हरा, सोलन सफेद, चमन-संकर, पाली-संकर की बिजाई करें.
- लौकी की पूसा मंजरी, पूसा मेघदूत, पीएसपीएल, वरद-संकर आदि किस्मों की बिजाई करें.
ग्रीष्मकालीन सब्जियों की नर्सरी उगाने का सही समय
एडवाइजरी के मुताबिक मध्यवर्ती पहाड़ी क्षेत्रों में फरवरी माह के दूसरे पखवाड़े में ग्रीष्मकालीन सब्जियों की नर्सरी उगाने का सही समय है.
- किसान टमाटर, बैंगन, शिमला मिर्च, हरी मिर्च, और अन्य सब्जियों की पनीरी तैयार कर सकते हैं.
- इसके लिए 3 मीटर लंबी, 1 मीटर चौड़ी और 10 से 15 सेंटीमीटर ऊंची नर्सरी बैड तैयार करें.
- इन बैड में 20-25 किलो अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद, 200 ग्राम एसएसपी या एनपीके (12:32:16), 15-20 ग्राम इंडोफिल-एम 45 और 20 25 ग्राम फोलीडोल धूल मिलाकर बिजाई करें.