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हिमाचल के निचले इलाकों में किसान इन सब्जियों की करें बिजाई, इन चीजों का रखें ध्यान - ADVISORY FOR FARMERS

कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में किसान कौन-कौन सी सब्जियों की बिजाई कर सकते हैं.

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किसान इन सब्जियों की करें बिजाई (ETV Bharat)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 19, 2025, 2:50 PM IST

सिरमौर: हिमाचल प्रदेश के निचले पर्वतीय क्षेत्रों में किसान भिंडी, फ्रेंच बीन, खीरा, समर स्क्वैश, करेला व लौकी सहित अन्य सब्जियों की बिजाई करें. किसानों को ये सलाह चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर ने फरवरी माह के दूसरे पखवाड़े में किए जाने वाले कृषि कार्यों के संदर्भ में दी है.

कृषि विज्ञान केंद्र सिरमौर के प्रभारी एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पंकज मित्तल ने बताया,"निचले पर्वतीय क्षेत्रों में भिंडी की पालम कोमल, परभनी क्रांति, पी-8, अर्का अनामिका, वर्षा उपहार, यूएस-7109, पांचाली, उमंग, इंद्रनील और फ्रेंच बीन की कंटेडर, प्रीमियर, पालम मृदुला, फाल्गुनी, सोलन नैना व अर्का कोमल आदि की बिजाई की जा सकती है."

किन किस्मों की करें बिजाई

डॉ. पंकज मित्तल ने बताया कि अंतिम जुताई से पहले भिंडी, खीरे और लौकी की किन किस्मों की बिजाई करें.

  • भिंडी में 8 क्विंटल गोबर खाद, 12 किलो एनपीके (12:32:16), 4 किलो म्यूरेट ऑफ पोटाश और 4 किलो यूरिया सहित फ्रेंच बीन में 16 क्विंटल गोबर खाद और 25 किलो एनपीके (12:32:16) प्रति बीघा खेत में प्रयोग करें. इन फसलों में खरपतवार नियंत्रण के लिए 320 मिलीलीटर स्टॉम्प (पेंडीमेथालिन) 60 लीटर पानी की दर से प्रति बीघा बिजाई के 2 दिन के भीतर छिड़काव करें.
  • इन क्षेत्रों में खीरे की लॉन्ग ग्रीन, पॉइंसेट, यूएस 6125, नूरी, मालिनी, संकर-243, समर स्क्वैश की पूसा अलंकार, ऑस्ट्रेलियन ग्रीन, करेले की सोलन हरा, सोलन सफेद, चमन-संकर, पाली-संकर की बिजाई करें.
  • लौकी की पूसा मंजरी, पूसा मेघदूत, पीएसपीएल, वरद-संकर आदि किस्मों की बिजाई करें.

ग्रीष्मकालीन सब्जियों की नर्सरी उगाने का सही समय

एडवाइजरी के मुताबिक मध्यवर्ती पहाड़ी क्षेत्रों में फरवरी माह के दूसरे पखवाड़े में ग्रीष्मकालीन सब्जियों की नर्सरी उगाने का सही समय है.

  • किसान टमाटर, बैंगन, शिमला मिर्च, हरी मिर्च, और अन्य सब्जियों की पनीरी तैयार कर सकते हैं.
  • इसके लिए 3 मीटर लंबी, 1 मीटर चौड़ी और 10 से 15 सेंटीमीटर ऊंची नर्सरी बैड तैयार करें.
  • इन बैड में 20-25 किलो अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद, 200 ग्राम एसएसपी या एनपीके (12:32:16), 15-20 ग्राम इंडोफिल-एम 45 और 20 25 ग्राम फोलीडोल धूल मिलाकर बिजाई करें.

टमाटर के लिए करें इन किस्मों का चयन

  • टमाटर की किस्में जैसे पालम पिंक, पालम प्राइड, अवतार (संकर-7711), रक्षिता, हिमसोना, यश और नवीन 2000
  • बैंगन की अर्का निधि, अर्का केशव, हिसार श्यामल
  • हरी मिर्च की सूरजमुखी
  • शिमला मिर्च की कैलिफोर्निया वंडर और पैलो वंडर किस्म

ये सब्जियां नर्सरी पॉलीट्यूब बैग्स में जा सकती हैं उगाई

कृषि विज्ञान केंद्र सिरमौर के प्रभारी एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पंकज मित्तल ने बताया कि इसके अलावा अगेती उपज के लिए खीरा, समर स्क्वैश, करेला, लौकी, तुरई आदि की नर्सरी पॉलीट्यूब बैग्स में भी उगाई जा सकती हैं. इसके लिए गोबर, रेत और मिट्टी (1:1:1) का मिश्रण भरकर प्रति बैग 1-2 बीज बोए. नर्सरी तैयार होने पर इनका पौधारोपण किया जा सकता है.

फसलों में रोगों व कीटों का नियंत्रण

डॉ. पंकज मित्तल ने बताया कि भूरी सरसों और राया में तेले के नियंत्रण के लिए मिथाइल डेमिटान 25 ईसी या डाईमिथोएट 30 ईसी 1 मिलीलीटर और चने में फली छेदक सुंडी के नियंत्रण के लिए 1 मिलीलीटर एनपीवी (2 प्रतिशत एस) प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें. संक्रमण अधिक होने पर 0.8 मिली लेम्डा साईहेलोथ्रीन 5 ईसी या 5 मिलीलीटर एजाडायरेक्टिन 0.03 प्रतिशत प्रति लीटर पानी का छिड़काव करें. फूलगोभी और पत्तागोभी में एफिड्स और कैटरपिलर के नियंत्रण के लिए 1 मिलीलीटर मैलाथियान 50 ईसी और प्याज के विभिन्न रोगों के नियंत्रण के लिए 2.5 ग्राम इंडोफिल या रिडोमिल एम जैड प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें.

गेहूं की फसल में विशेष सावधानी

डॉ. पंकज मित्तल ने बताया कि पीला रतुआ के लक्षण दिखाई देने पर 1 मिलीलीटर टिल्ट (प्रोपिकोनाजोल) प्रति लीटर पानी का छिड़काव करें. किसान अधिक जानकारी के लिए कृषि तकनीकी सूचना केंद्र एटिक (01894-230395), किसान कॉल सेंटर (1800-180-1551) या किसान सारथी पोर्टल पर पंजीकरण कर सकते हैं या कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों से भी सीधे संपर्क कर सकते हैं.

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