रायपुर : छत्तीसगढ़ में पतंग उड़ाने के लिए चाइनीज मांझा को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है. बावजूद इसके शहर के पतंग दुकानों में चाइनीज मांझा की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है. इस बीच रविवार को चाइनीज मांझा की चपेट में आने से एक 7 वर्षीय मासूम की मौत हो गई, जिसके बाद प्रशासन की नींद खुली है. सोमवार को कलेक्टर गौरव कुमार सिंह के निर्देश पर नगर निगम के राजस्व अमले ने पतंग दुकानों में छापे मार कार्रवाई की और 8 बंडल चाइनीज मांझा जब्त किया है.
8 बंडल चाइनीज मांझा किया जब्त : रायपुर जिले के कलेक्टर और नगर निगम के प्रशासक गौरव कुमार सिंह ने पतंग दुकानों में अवैध रूप से बिक रहे चाइनीज मांझा के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. जिस पर नगर निगम कमिश्नर अविनाश सिंह ने जोन के राजस्व अधिकारियों की एक टीम बनाकर शहर के पतन दुकानों में छापे मार कार्रवाई की. जोन 6 के संतोषी नगर स्थित 2 पतंग दुकानों में छापे के दौरान 8 बंडल चाइनीज मांझा जब्त किया गया है.
सत्ती बाजार में भी छापेमार कार्रवाई : नगर निगम के राजस्व विभाग की टीम जोन 4 स्वामी विवेकानंद सदर बाजार वार्ड के वार्ड नंबर 45 में स्थित सत्ती बाजार में छापेमार कार्रवाई की. जहां संजय पतंग दुकान को बिना लाइसेंस के दुकान संचालित करने पर सील कर दिया है. जोन 4 में स्थित श्याम टॉकीज और बूढ़ातालाब के पास की 2 पतंग दुकान रेड के दौरान बंद पाई गई.
दुकानदार के खिलाफ होगी कार्रवाई :प्रदेश की राजधानी रायपुर में इसके पहले भी पंडरी माल के पास एक्सप्रेस वे पर महिला वकील पूर्णशा कौशिक स्कूटी से जा रही थी. उस दौरान भी मांझा उनके गले पर फंस गया था, जिससे गले में लंबा कट बन गया. मांझा निकालते समय महिला वकील के अंगूठे भी कट गए थे. इसके साथ ही दिसंबर के महीने में नीट का एक छात्र भी चाइनीज मांझा की चपेट में आने से घायल होकर जमीन पर गिर पड़ा था.
क्यों खतरनाक है चायनीस मांझा : पतंग उड़ाने के लिए दो तरह के मांझा का इस्तेमाल किया जाता है. पहला सूती मांझा और दूसरा चाइनीज मांझा. सूती मांझे की तुलना में चाइनीज मांझा ज्यादा खतरनाक होता है. क्योंकि यह नायलॉन के धागे से बना होता है और इस पर कांच या मैटेलिक पाउडर की परत चढ़ाई जाती है. यही वजह है कि इसमें धार ज्यादा होती है. इसका स्किन पर असर बहुत जल्दी दिखाई पड़ता है.