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एसएमएस अस्पताल के चिकित्सकों ने बनाया रिकॉर्ड, 6 घंटे में कर डाले 10 नी-जॉइंट रिप्लेसमेंट

जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रोमा सेंटर के चिकित्सकों ने 6 घंटे के अंदर 10 मरीज के नी-ज्वाइंट रिप्लेसमेंट कर रिकॉर्ड कायम किया है.

Knee Joint Replacements
एसएमएस अस्पताल (Photo ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 10, 2024, 6:44 PM IST

Updated : Oct 10, 2024, 7:16 PM IST

जयपुर:शहर के सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रोमा सेंटर के चिकित्सकों ने इतिहास रच दिया और महज 6 घंटे के अंदर 10 मरीज के नी-ज्वाइंट रिप्लेसमेंट कर दिए. यह कारनामा चिकित्सकों ने तब किया, जबकि अस्पताल के रेजिडेंट चिकित्सक हड़ताल पर हैं. राजस्थान के सरकारी अस्पताल में पहली बार ऐसा रिकॉर्ड बनाया गया है. खास बात यह है कि सभी मरीजों का इलाज निशुल्क किया गया है.

वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अनुराग धाकड़ ने बताया कि राजस्थान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएमएस के ट्रॉमा सेंटर ने सरकारी क्षेत्र में जॉइंट रिप्लेसमेंट का रिकॉर्ड बना दिया है. आमतौर पर निजी अस्पतालों में लाखों रुपए खर्च करने के बाद होने वाले नी -जॉइंट रिप्लेसमेंट यानि घुटना प्रत्यारोपण को एसएमएस अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ ने रिकॉर्ड तरीके से कर दिखाया है.

6 घंटे में कर डाले 10 नी-जॉइंट रिप्लेसमेंट (Video ETV Bharat Jaipur)

डॉ धाकड़ का कहना है कि यह काफी चुनौती पूर्ण था, लेकिन सभी चिकित्सकों और अस्पताल के अन्य मेडिकल स्टाफ ने इस कारनामे को सफलतापूर्वक अंजाम दिया और एसएमएस अस्पताल के डॉक्टर्स ने महज 6 घंटों में दस मरीजों का पूरी तरह निःशुल्क नी जॉइंट रिप्लेसमेंट कर दिया है.

पढ़ें: नी रिप्लेसमेंट करवा चुके 500 लोग दौड़ेंगे 'सेकंड इनिंग वॉक' में

प्राइवेट अस्पताल में नी रिप्लेसमेंट काफी खर्चीला:डॉ अनुराग धाकड़ का कहना है कि आमतौर पर प्राइवेट अस्पतालों में नी ज्वाइंट रिप्लेसमेंट काफी खर्चीला होता है, लेकिन एसएमएस अस्पताल में यह निशुल्क किया जा रहा है. हालांकि यह सुविधा सिर्फ राजस्थान के निवासियों के लिए ही उपलब्ध है. उन्होंने यह भी कहा कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग गठिया या दूसरी दिक्क़तों के चलते चल नहीं पाते है, ऐसे में इन मरीजों के नी जॉइंट रिप्लेसमेंट करना पड़ता है और एसएमएस अस्पताल में काफी बेहतर किस्म के इंप्लांट मरीज को लगाए जा रहे हैं, जिससे मरीजों को काफी राहत मिलती है. उन्होंने बताया कि जिन मरीजों का नी रिप्लेसमेंट किया गया है, वे स्वस्थ हैं.

Last Updated : Oct 10, 2024, 7:16 PM IST

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