UPL में वूमेन फाइनल के बाद गदगद हुए आयोजक, बोले- हमारी लड़कियों ने कमाल कर दिया - UPL Womens League
UPL : उत्तराखंड प्रीमीयर लीग में वूमेन फाइनल शनिवार रात हुआ. इसके बाद UPL के आयोजकों का भावुक पहलू देखने को मिला जहां पर उन्होंने कहा कि जिस मकसद के साथ शुरुआत की गई थी वह पूरा होता दिख रहा है. पढ़ें पूरी खबर...
देहरादून :राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में चल रहा उत्तराखंड के पहला उत्तराखंड प्रीमीयर लीग मैं वूमेन लीग का कल दे रात फाइनल मैच के बाद समापन हो गया जिसमें नैनीताल को मसूरी थंडर ने तीन विकेट से हराकर उत्तराखंड प्रीमीयर लीग वूमेन की ट्रॉफी अपने नाम कर ली है.
तो वही उत्तराखंड के अलग-अलग पर्वतीय क्षेत्रों से आने वाली इन युवा लड़कियों का जोश ट्रॉफी को उठाते हुए देखने लायक था. टीम की कप्तान उत्तरकाशी से आने वाली मानसी जोशी के साथ उनके सभी साथियों ने प्राइस सेरेमनी के बाद जातियों मनाया तो वहीं उत्तराखंड की इन लड़कियों को जश्न मनाते देख आयोजक भी काफी भावुक नजर आए.
UPL वूमेन के आयोजक (ETV BHarat)
ईटीवी से बात करते हुए उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव महिमा वर्मा ने कहा कि उनकी लड़कियों ने जमकर खेल है. क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के सचिव महिमा वर्मा का कहना है कि उन्हें बिल्कुल भी इस बात का एहसास नहीं हुआ है कि लड़कियों का गेम अलग है और लड़कों का गेम अलग है.
आयोजकों का कहना है कि जितना रोमांस लड़कों के क्रिकेट में देखने को मिला उससे ज्यादा रोमांस लड़कियों के क्रिकेट को देखने पर मिला है और फाइनल खासतौर से आखरी ओवर तक जाना हर एक क्रिकेट प्रेमी और फील्ड में मौजूद दर्शक के लिए बेहद रोमांच कर था.
महिमा वर्मा ने कहा कि उनकी लड़कियों ने लीग में जम कर खेला है. जिस मकसद के साथ उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन ने उत्तराखंड प्रीमियर लीग की कल्पना की थी वह पूरा हुआ. हमारा सपना था कि उन खिलाड़ियों को जो कि कई सालों तक संघर्ष करते रहते हैं, उन्हें एक बेहतरीन मंच दे पाए उन्हें बेहतरीन प्लेटफार्म दे पाए.
उन्होंने कहा, पूरा आयोजक मंडल क्रिकेट एसोसिएशन आफ उत्तराखंड सभी बेहद खुश है कि उनकी यह मुहिम वास्तविक में रंग ला रही है. वहीं इसके अलावा UPL t20 के चेयरमैन इंद्र मोहन बर्तवाल और वॉइस चेयरमैन उमेश जोशी ने भी अपनी खुशी का इजहार करते हुए कहा कि आज उन्हें यह देखकर बेहद खुशी हो रही है कि उत्तराखंड की लड़कियां बेहद अच्छा क्रिकेट खेल रही है.
इन्हें देखकर आने वाली पीढ़ी में भी एक प्रेरणा जग रही है. आयोजकों का कहना है कि यही वह मोमेंट है जिसके लिए यह पूरी कवायत की गई थी कि उनके अंदर भी वह जो सर जज्बा पैदा हो सके जो एक खिलाड़ी के अंदर अपने देश और अपने लोगों के सामने खेलने के बाद पैदा होता है. आज को कहना है कि इसी एक्स्पोजर और इसी एक्सपीरियंस से इन बच्चों का गेम आगे देखने वाले समय में बहुत अच्छा होने वाला है.