नई दिल्ली:पूर्व सचिव जयदीप मजूमदार से जब पूछा गया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंगलवार से शुरू हो रही दक्षिण-पूर्वी एशियाई देश की यात्रा के दौरान भारत और ब्रुनेई के बीच स्पेस कोओपरेशन पर कोई बड़ी घोषणा होगी तो उन्होंने कहा कि 'वेट एंड वॉच दिस स्पेस'. मजूमदार ने सोमवार को मोदी के ब्रुनेई रवाना होने से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "हमें अपने स्पेस प्रोग्राम में ब्रुनेई से बहुमूल्य समर्थन मिला है."
गौरतलब है कि यह दक्षिण पूर्व एशियाई देश की किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा है. उन्होंने जिन तीन समझौता ज्ञापनों का उल्लेख किया उनमें सैटेलाइट और लॉन्चिंग व्हीकल के लिए TT&C सेंटर के संचालन और स्पेस रिसर्च, विज्ञान और अनुप्रयोगों के क्षेत्र में सहयोग शामिल है.
मजूमदार ने कहा कि हम टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड में निरंतर सहयोग कर रहे हैं और हम इसे आगे ले जाएंगे. जैसे-जैसे तकनीक विकसित हो रही है, वैसे-वैसे हमारी जरूरतें विकसित होती हैं. इसी तरह हमारे टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड के लिए दुनिया भर में मौजूद विभिन्न केंद्रों में उन क्षमताओं को बढ़ाने की जरूरत भी बढ़ती या बदलती रहती है. मैं यहां जल्दबाजी नहीं करना चाहता, लेकिन आप इस पर कुछ चर्चाएं और परिणाम भी देखेंगे. 'वेट एंड वॉच दिस स्पेस'
अंतरिक्ष सहयोग में ब्रुनेई को एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में क्यों देखा जाता है?
ब्रुनेई एक छोटा राष्ट्र है, लेकिन यह दक्षिण पूर्व एशिया में बोर्नियो द्वीप पर रणनीतिक रूप से स्थित है. भूमध्य रेखा के पास इसकी भौगोलिक स्थिति इसे सैटेलाइट ग्राउंड स्टेशनों और अंतरिक्ष निगरानी बुनियादी ढांचे के लिए एक आकर्षक स्थल बनाती है.
भूमध्यरेखीय स्थान भूस्थिर सैटेलाइट को लॉन्च करने और निगरानी करने के लिए आदर्श हैं, क्योंकि ये सैटेलाइट भूमध्यरेखीय तल के साथ परिक्रमा करते हैं, जो विशिष्ट क्षेत्रों की स्थिर और निरंतर कवरेज प्रदान करते हैं. भूमध्य रेखा के पास स्थित ग्राउंड स्टेशन इन ,सैटेलाइट के साथ प्रभावी ढंग से संचार कर सकते हैं, जिससे बेहतर ट्रैकिंग, डेटा रिसेप्शन और नियंत्रण मिलता है.
ब्रुनेई की लोकेशन भविष्य के स्पेसपोर्ट विकास की संभावना रखती है, विशेष रूप से भूस्थिर और ध्रुवीय कक्षाओं में रॉकेट लॉन्च करने के लिए. भूमध्य रेखा के करीब रॉकेट लॉन्च करने के लिए पृथ्वी के रोटेशनल वेलोसिटी के कारण कम ईंधन की आवश्यकता होती है, जिससे यह एक लागत प्रभावी लॉन्च साइट बन जाती है. हालांकि, ब्रुनेई ने अभी तक ऐसा बुनियादी ढांचा विकसित नहीं किया है, लेकिन इसकी राजनीतिक स्थिरता, ओपन अर्थव्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय भागीदारी में शामिल होने की इच्छा इसे भविष्य के स्पेसपोर्ट निवेशों के लिए एक संभावित उम्मीदवार बनाती है.