नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मलेशियाई पीएम अनवर इब्राहिम के बीच मंगलवार को द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के बाद दोनों देशों के बीच आठ समझौतों पर हस्ताक्षर हुए. इनमें डिजिटल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सहयोग भी शामिल है.
शिखर सम्मेलन के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है, "डिजिटल कोऑपरेशन के क्षेत्र में दोनों प्रधानमंत्रियों ने डिजिटल टेक्नोलॉजी पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने का स्वागत किया और डिजिटल क्षेत्र में भागीदारी का मार्गदर्शन करने और दोनों देशों के बीच डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल बी2बी पार्टनरशिप, डिजिटल कैपेसिटी बिल्डिंग, साइबर सिक्योरिटी, 5जी, क्वांटम कंप्यूटिंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी उभरती टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग में तेजी लाने के लिए जल्द ही मलेशिया-भारत डिजिटल काउंसिल की बैठक आयोजित करने को प्रोत्साहित किया."
समझौतों के आदान-प्रदान के बाद इब्राहिम के साथ संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत-मलेशिया डिजिटल काउंसिल की स्थापना करने और डिजिटल टेकनोलॉजी कोऑपरेशन के लिए स्टार्टअप अलायंस बनाने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘भारत के यूपीआई और मलेशिया के पेनेट को जोड़ने पर भी काम किया जाएगा."
डिजिटल अर्थव्यवस्था में भारत की प्रगति
बता दें कि भारत ने पिछले पांच साल में डिजिटल अर्थव्यवस्था और साइबर सिक्योरिटी के मामले में बहुत प्रगति की है, खासकर मोबाइल फोन, UIDAI और जन धन खातों के उपयोग में, जिससे लोगों को बैंकिंग जैसी सरकारी वित्तीय सेवाओं तक पहुंच बनाने में मदद मिली है.
पिछले साल जी20 की अध्यक्षता के दौरान भारत ने ग्लोबल डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर रिपोजिटरी (GDPIR) बनाने पर बहुत जोर दिया था.डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) में डिजिटल आइडेंटिफिकेशन, पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर और डेटा एक्सचेंज सोल्यूशन जैसे मूलभूत तत्व या ढांचे शामिल हैं. ये कंपोनेंट देशों को अपने नागरिकों को महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करने, सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देकर लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
अब तक यूरोपीय संघ (EU) और भारत सहित 15 अन्य देशों के DPI को GDPIR में शामिल किया जा चुका है. अन्य देशों के साथ डिजिटल टेक्नोलॉजी कोऑपरेशन को बढ़ावा देने के लिए भारत का प्रयास कई रणनीतिक, आर्थिक और भू-राजनीतिक विचारों से उपजा है.