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इमरान खान का सैन्य कमांडरों को समर्थन, 9 मई के दोषियों पर मुकदमा चलाने की मांग

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान इस समय रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं. जेल में बंद पीटीआई के संस्थापक इमरान खान ने कहा है कि वह कोर कमांडरों के सम्मेलन की विज्ञप्ति का पूरी तरह से समर्थन करते हैं और 9 मई की हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई चाहते हैं.

Imran Khan backs Army's resolve to prosecute May 9 culprits
जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सेना का समर्थन करते हुए 9 मई के दोषियों के खिलाफ सजा की मांग की

By ANI

Published : Mar 7, 2024, 1:15 PM IST

इस्लामाबाद:पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव हुए, लेकिन चुनावों के परिणामों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी आलोचना हुई. कई राजनीतिक दलों, खासकर इमरान खान द्वारा स्थापित पार्टी पीटीआई ने इंटरनेट शटडाउन और धांधली की शिकायत की. भ्रष्टाचार के एक मामले में इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पिछले साल 9 मई को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. प्रदर्शनकारियों द्वारा सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने से स्थिति गंभीर हो गई.

इमरान ने सैन्य कमांडरों की घोषणा का समर्थन किया कि संवेदनशील राज्य प्रतिष्ठानों पर 9 मई, 2023 के हमलों में शामिल लोगों को दंडित किया जाना चाहिए, इस बात पर जोर दिया कि सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से वास्तविक दोषियों की पहचान की जानी चाहिए. पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक इमरान खान ने कहा है कि 9 मई की हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की जाए. वह सेना के शीर्ष अधिकारियों के संकल्प का पूरी तरह से समर्थन करते हैं.

अदियाला जेल के अंदर एक मामले की सुनवाई के दौरान मीडिया प्रतिनिधियों के साथ अनौपचारिक बातचीत में इमरान ने कहा कि पीटीआई सेना के खिलाफ नहीं है और इस बात पर जोर दिया कि चुनावी धांधली पर आलोचना सेना की आलोचना नहीं है. मंगलवार को कोर कमांडरों के सम्मेलन ने प्रतिबद्धता दोहराई कि योजनाकारों, भड़काने वालों, उकसाने वालों, शहीदों के स्मारकों को अपवित्र करने वालों और 9 मई को सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने वालों को कानून के तहत न्याय के कटघरे में लाया जाएगा.

पूर्व प्रधान मंत्री ने खेद व्यक्त किया कि 9 मई की हिंसा की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच में किसी को भी स्पष्ट रूप से दिलचस्पी नहीं थी. 9 मई की कहानी 8 फरवरी (चुनाव) के लिए काम नहीं कर सकी. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि केवल तीन राजनीतिक दल ही धांधली वाले चुनावों के लाभार्थी थे.

इमरान खान ने उनकी पार्टी को आरक्षित सीटों से वंचित करने के लिए पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) की आलोचना की, इस कदम को 'असंवैधानिक' और 'लोकतंत्र के लिए विरोधाभासी' बताया और आरक्षित सीटों के कानूनी आधार पर सवाल उठाया. उन पार्टियों को आवंटित किया गया जो इसके हकदार नहीं थे. पीटीआई के संस्थापक ने कहा कि वह हाल के चुनावों के नतीजों को कभी स्वीकार नहीं करेंगे, क्योंकि यह 'गुलामी स्वीकार करने' के समान होगा.

इमरान की पार्टी रविवार को कथित धांधली के खिलाफ पेशावर में एक विशाल सार्वजनिक सभा आयोजित करेगी. उन्होंने दावा किया कि 8 फरवरी का आम चुनाव इतिहास का सबसे धांधली वाला चुनाव था, जिसका अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. इसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर जनता को अपूरणीय क्षति होगी. यह पूर्वी पाकिस्तान का चुराया हुआ जनादेश था जो 1971 की त्रासदी के पीछे था. देश राजनीतिक स्थिरता के बिना जीवित नहीं रह सकता था.

पूर्व पीएम ने चार निर्वाचन क्षेत्रों के ऑडिट की मांग की, जिसमें नवाज शरीफ और औन चौधरी के लाहौर निर्वाचन क्षेत्र और पेशावर का निर्वाचन क्षेत्र शामिल है, जहां से नूर आलम को विजेता घोषित किया गया था. ख्वाजा आसिफ के आरोप का हवाला देते हुए कि पूर्व सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने तत्कालीन विपक्ष को पीटीआई सरकार को गिराने के लिए कहा था. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, खान ने आगे दावा किया कि जनरल बाजवा ने उन्हें अच्छे व्यवहार के लिए इनाम की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया. शरीफ अपनी भविष्य की राजनीति के लिए पूरी तरह से विशेष निवेश सुविधा परिषद (एसआईएफसी) पर निर्भर थे, लेकिन यह अकेले विदेशी निवेश को आकर्षित नहीं कर सकता था. शरीफ पहले ही अपना बयान बदल चुके हैं.

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