इस्लामाबाद:पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव हुए, लेकिन चुनावों के परिणामों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी आलोचना हुई. कई राजनीतिक दलों, खासकर इमरान खान द्वारा स्थापित पार्टी पीटीआई ने इंटरनेट शटडाउन और धांधली की शिकायत की. भ्रष्टाचार के एक मामले में इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पिछले साल 9 मई को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. प्रदर्शनकारियों द्वारा सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने से स्थिति गंभीर हो गई.
इमरान ने सैन्य कमांडरों की घोषणा का समर्थन किया कि संवेदनशील राज्य प्रतिष्ठानों पर 9 मई, 2023 के हमलों में शामिल लोगों को दंडित किया जाना चाहिए, इस बात पर जोर दिया कि सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से वास्तविक दोषियों की पहचान की जानी चाहिए. पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक इमरान खान ने कहा है कि 9 मई की हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की जाए. वह सेना के शीर्ष अधिकारियों के संकल्प का पूरी तरह से समर्थन करते हैं.
अदियाला जेल के अंदर एक मामले की सुनवाई के दौरान मीडिया प्रतिनिधियों के साथ अनौपचारिक बातचीत में इमरान ने कहा कि पीटीआई सेना के खिलाफ नहीं है और इस बात पर जोर दिया कि चुनावी धांधली पर आलोचना सेना की आलोचना नहीं है. मंगलवार को कोर कमांडरों के सम्मेलन ने प्रतिबद्धता दोहराई कि योजनाकारों, भड़काने वालों, उकसाने वालों, शहीदों के स्मारकों को अपवित्र करने वालों और 9 मई को सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने वालों को कानून के तहत न्याय के कटघरे में लाया जाएगा.
पूर्व प्रधान मंत्री ने खेद व्यक्त किया कि 9 मई की हिंसा की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच में किसी को भी स्पष्ट रूप से दिलचस्पी नहीं थी. 9 मई की कहानी 8 फरवरी (चुनाव) के लिए काम नहीं कर सकी. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि केवल तीन राजनीतिक दल ही धांधली वाले चुनावों के लाभार्थी थे.