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कनाडाई पत्रकार बोर्डमैन ने कहा कि कनाडा में विश्वसनीय नहीं रहे जस्टिन ट्रूडो - INDIA EXPELS CANADIAN DIPLOMATS

भारत सरकार ने 6 कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित करने का निर्णय लिया है. उन्हें देश छोड़ने के लिए 19 तक की मोहलत दी गई है.

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जस्टिन ट्रूडो की फाइल फोटो. (AP)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 15, 2024, 7:11 AM IST

ओटावा:भारत और कनाडा के बीच बढ़ते तनाव के बीच कनाडाई पत्रकार डैनियल बोर्डमैन ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की विश्वसनीयता और नेतृत्व में बढ़ते भरोसे की कमी की ओर इशारा किया है. बोर्डमैन ने भारत सरकार की ओर से अपने उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों को वापस बुलाने के फैसले को दोनों देशों के बीच बढ़ती दरार का स्पष्ट संकेत बताया. उन्होंने कहा कि कनाडा में कुछ खालिस्तानी सरकारी सिस्टम के भीतर कुछ तत्व हैं, वे इस पर पूरी तरह से हावी हैं. खालिस्तानी तत्व पूरी तरह से हमलावर हैं. वे इसे पूरी जीत के रूप में ले रहे हैं और भारत पर हमला कर रहे हैं.

उन्होंने कनाडाई लोगों के बीच आम भावना पर भी टिप्पणी की, इस बात पर जोर देते हुए कि अधिकांश कनाडाई लोग ट्रूडो के तरीके से निराश हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि कनाडा के अधिकांश लोग इस सरकार से बेहद तंग आ चुके हैं. वे संस्थाओं पर भरोसा नहीं करते, मीडिया को विश्वसनीय नहीं मानते, जस्टिन ट्रूडो को विश्वसनीय नहीं मानते. बहुत से कनाडाई इसे देखकर कंधे उचका देंगे और शायद भारत का पक्ष भी लेंगे.

उन्होंने कहा कि भारत-कनाडा संबंधों की वर्तमान स्थिति क्रायोस्टेसिस जैसी होगी. मुझे लगता है कि भारतीयों ने कनाडा को तब तक क्रायो पॉड में डाल दिया है जब तक कि हमें नई सरकार नहीं मिल जाती. उन्होंने आगे कहा कि भारत सरकार ट्रूडो को एक उचित नेता के रूप में नहीं देखती है.

उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि वे जस्टिन ट्रूडो को एक उचित अभिनेता के रूप में देखते हैं. मुझे नहीं लगता कि जब भारत की बात आती है तो वे उचित अभिनेता हैं, खासकर जब उनका समर्थन जगमीत सिंह द्वारा किया जाता है, जो खुले तौर पर शत्रुतापूर्ण हैं. बोर्डमैन ने भविष्यवाणी की कि यदि सरकार में बदलाव जल्दी नहीं होता है तो राजनयिक ठहराव कम से कम एक और वर्ष तक जारी रह सकता है.

उन्होंने सुझाव दिया कि यदि चुनाव होते हैं, तो नई सरकार भारत के साथ संबंधों के लिए एक अलग दृष्टिकोण अपना सकती है. उन्होंने कहा कि फिलहाल अगले एक साल तक संबंधों में सुधार की कोई गुंजाइश नजर नहीं आती है. उन्होंने कहा कि एक साल बाद यहां सरकार बदलने की संभावना है. नई सरकार आतंकवाद विरोधी और भारत समर्थक हो सकती है.

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