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गाजा पर हो रहे हमलों को देखने के लिए यहां आते हैं लोग, दूरबीन लगाकर देखते हैं तबाही का मंजर - MILITARY ACTION ON GAZA

गाजा पट्टी में जारी इजराइली हमलों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या 42 हजार से ज्यादा हो गई है.

गाजा पर हो रहे हमलों को देखने के लिए यहां आते हैं लोग
गाजा पर हो रहे हमलों को देखने के लिए यहां आते हैं लोग (IANS)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 24, 2024, 3:43 PM IST

तेलअवीव: हमास ने पिछले साल 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमला किया. इस हमले में करीब 1200 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 250 से अधिक लोगों को हमास ने बंधक बना लिया था. इसके बाद से इजराइल ने हमास के कंट्रोल वाली गाजा पट्टी पर हमला शुरू कर दिए, जो अब तक जारी हैं.

गाजा स्थित स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक गाजा पट्टी में जारी इजराइली हमलों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या 42 हजार से ज्यादा हो गई है. इस बीच यूएन अधिकारी फिलिप लाजारिनी ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर संयुक्त राष्ट्र की एक नई स्टडी का हवाला देते हुए दावा किया कि इस जंग ने फिलिस्तीनी अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है.

70 साल पीछे चला गया फिलिस्तीन
उन्होंने कहा कि की गाजा की पूरी आबादी गरीबी में जीने को मजबूर है. स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में फिलिस्तीन 70 साल पीछे चला गया है. यूएन एजेंसी चीफ ने आगे कहा कि उत्तरी गाजा में लोग बस मरने का इंतजार कर रहे हैं. वे खुद को अकेला, निराश और अकेला महसूस कर रहे हैं.

दूरबीन की मदद से देखते हैं बमबारी
वहीं, बीबीसीकी रिपोर्ट के मुताबिक इजराइल के लोग गाजा पर हो रही इस बमबारी को होता हुआ देख रहे हैं. वह गाजा में मच रही तबाही को देखने के लिए रोजाना गाजा सीमा के पास पहाड़ियों की चोटियों पर इकट्ठा होते हैं और दूरबीन की मदद से गाजा में हो रही बमबारी का नजारा देखते हैं.

यह पहाड़ी सीमावर्ती शहर स्देरोत में है, जो गाजा से महज थोड़ी ही दूरी पर है. यहां पुराने सोफे, बगीचे की कुर्सियां, टूटी हुई कार की सीटें और उलटे बक्सों पर दर्शकों के लिए बैठने की व्यवस्था की गई है.

2014 में हमलों का लुत्फ उठाते थे लोग

वैसे यह पहला मौका नहीं है, जब इजराइल के लोग गाजा में हो रही इजराइली कार्रवाई को दूरबीन से बैठकर देख रहे हैं. इससे पहले 2014 में भी लोगों को यहां गाजा पर होने वाले हमलों का लुत्फ उठाते देखा गया था.

द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक 2014 में इजराइल और गाजा के बीच हुए संघर्ष के दौरान यहां शाम ढलते ही उत्साह का माहौल बन जाता था. इस उम्मीद में कि हमास के आतंकवादी रमजान के अपने उपवास तोड़ने के बाद रॉकेट हमले बढ़ा देंगे, और इजराइली सेना उन्हें जवाब देगी.

यह भी पढ़ें- उत्तरी गाजा में इजराइल की एयर स्ट्राइक, 73 की मौत, 100 से ज्यादा घायल

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