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रोजाना अपने भोजन में 10 फीसदी तेल की खपत कम करें, पीएम मोदी की देशवासियों से अपील - REDUCE DAILY OIL CONSUMPTION

इस खबर में जानें क्यों पीएम मोदी ने देश की जनता से की अपने दैनिक तेल उपभोग में 10 प्रतिशत की कटौती करने की अपील...

Know why PM Modi appealed to the people of the country to reduce their daily oil consumption by 10 percent
रोजाना अपने भोजन में 10 फीसदी तेल की खपत कम करें, पीएम मोदी की देशवासियों से अपील (AP)

By ETV Bharat Health Team

Published : Feb 1, 2025, 7:08 PM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों से मोटापे से लड़ने और ज्यादा तेल का सेवन कम करने की अपील की है. दरअसल, 28 जनवरी को देहरादून में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन समारोह के दौरान उन्होंने यह बात कही. पीएम ने कहा कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए रेगुलर एक्सरसाइज, बैलेंस डाइट और दैनिक तेल की खपत में 10 फीसदी की कमी करना जरूरी है. उनकी इस अपील का डॉक्टरों, एथलीटों और फिल्मी हस्तियों, खासकर बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार ने भी समर्थन किया है.

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में मोटापा काफी तेजी से बढ़ रहा है, जिससे डायबिटीज और हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ रहा है. फिट इंडिया अभियान के तहत उन्होंने लोगों को रेगुलर एक्सरसाइज करने और स्वस्थ आहार लेने की सलाह दी. विशेष रूप से, उन्होंने आहार में तेल की मात्रा 10 फीसदी तक कम करने की अपील की. इधर, अक्षय कुमार ने प्रधानमंत्री की इस पहल का स्वागत किया और शारीरिक रूप से फिट रहने के महत्व पर बल दिया, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) दक्षिण पूर्व एशिया ने भी इस अभियान का समर्थन किया तथा नियमित व्यायाम और संतुलित आहार की आवश्यकता पर जोर दिया.

वहीं, डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी इस पहल की सराहना की. देश के कई प्रमुख अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों, जैसे भारतीय दंत चिकित्सा संघ, टाटा मेमोरियल अस्पताल और दिल्ली की एंडोक्राइन सोसाइटी ने इस पहल का समर्थन किया है.

मोटापा के कारण होने वाली बीमारियां
अधिक वजन होने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है, जैसे कि

  • पित्ताशय की पथरी (Gallstones)
  • अस्थमा
  • डायबिटीज
  • हाई ब्लड प्रेशर
  • कोलेस्ट्रॉल का हाई लेवल
  • एथेरोस्क्लेरोसिस
  • हार्स्ट्रोट डिजीज
  • कोलन, स्तन और गर्भाशय सहित कैंसर.
  • गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी)
  • प्रजनन क्षमता की समस्या
  • जोड़ों में गंभीर दर्द और जकड़न (ऑस्टियोआर्थराइटिस)
  • स्लीप एपनिया (जब नींद के दौरान सांस लेने में रुकावट होती है).
  • डायबिटीज का सबसे ज्यादा खतरा
  • किडनी की समस्या

गर्भावस्था के दौरान होने वाली समस्याएं, जैसे गर्भावधि डायबिटीज या प्री-एक्लेमप्सिया. ज्यादा वजन और मोटापे से आपकी उम्र भी कम हो सकती है, आपके मस्तिष्क के कार्य को नुकसान पहुंच सकता है, और अवसाद और कम आत्मसम्मान का खतरा बढ़ सकता है.

(PIB से इनपुट)

(डिस्क्लेमर: इस रिपोर्ट में आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी सामान्य जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान करते हैं. आपको इसके बारे में विस्तार से जानना चाहिए और इस विधि या प्रक्रिया को अपनाने से पहले अपने निजी चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.)

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