नई दिल्ली:पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां एलपीजी गैस सिलेंडर ग्राहकों का आधार आधारित ई-केवाईसी प्रमाणीकरण कर रही हैं. उन्होंने कहा कि इसके पीछे मुख्य उद्देश्य फर्जी गैस कार्डों को खत्म करना है. बता दें कि फिलहाल आम लोग 14.2 किलोग्राम का रसोई गैस (घरेलू एलपीजी) सिलेंडर 803 रुपये में खरीदते हैं. होटल और रेस्तरां जैसे व्यावसायिक प्रतिष्ठान 19 किलोग्राम का व्यावसायिक गैस सिलेंडर 1646 रुपये में खरीदते हैं. इससे उन पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ रहा है. यही कारण है कि कुछ व्यावसायिक कंपनियां और कुछ लोग फर्जी कार्ड बनाकर रसोई गैस सिलेंडर ले लेते हैं. हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां इन्हें खत्म करने के लिए पिछले 8 महीनों से ई-केवाईसी प्रक्रिया चला रही हैं.
एलपीजी ईकेवाईसी का उद्देश्य
इस प्रॉसेस से सरकारी तेल कंपनियां एलपीजी ग्राहकों के वैरिफाई और फर्जी खातों को खत्म करने के लिए आधार-आधारित ईकेवाईसी प्रमाणीकरण का यूज कर रही हैं. इस उद्देश्य उन धोखेबाज ग्राहकों की पहचान करना और उन्हें हटाना है जो घरेलू नामों से रसोई गैस बुक करते हैं लेकिन इसका इस्तेमाल व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए करते हैं.
एलपीजी ई-केवाईसी कैसे करें
एलपीजी गैस उपभोक्ता ई-केवाईसी प्रॉसेस को बहुत आसानी से पूरा कर सकते हैं.
- एलपीजी गैस डिलीवरी स्टाफ आपके आधार विवरण की जांच करेगा और ई-केवाईसी प्रक्रिया को पूरा करेगा. डिलीवरी स्टाफ अपने मोबाइल फोन पर एक ऐप के जरिए आपके आधार विवरण को कैप्चर करेगा. आपको तुरंत अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा. बस इसे दर्ज करें और ई-केवाईसी प्रक्रिया सरल तरीके से पूरी हो जाएगी.
- उपभोक्ता सीधे गैस वितरक के शोरूम में जा सकते हैं और उनसे संपर्क कर सकते हैं. फिर वे ई-केवाईसी सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करते हैं.
- उपयोगकर्ता सीधे तेल कंपनियों के ऐप को इंस्टॉल कर सकते हैं और ई-केवाईसी प्रक्रिया को स्वयं पूरा कर सकते हैं. अपनी पसंद के किसी भी तरीके से ई-केवाईसी को पूरा करना उचित है.