नई दिल्ली:स्विस उद्योगपति पंकज ओसवाल की 26 वर्षीय बेटी वसुंधरा ओसवाल को कथित तौर पर युगांडा में अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है. ओसवाल ने बेटी की हिरासत के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में अपील दायर की.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वसुंधरा को युगांडा में ओसवाल ग्रुप के एक्स्ट्रा-न्यूट्रल अल्कोहल (ईएनए) प्लांट से 20 हथियारबंद लोगों ने पकड़ लिया है, जिनके पास न तो कोई वारंट था और न ही पहचान पत्र. रिपोर्ट के मुताबिक, 1 अक्टूबर को कथित तौर पर एक लापता व्यक्ति के मामले में वसुंधरा को हिरासत में लिया गया है. इस सप्ताह की शुरुआत में पंकज ओसवाल ने बेटी को मनमाने ढंग से हिरासत में लिए जाने के खिलाफ यूनाइटेड नेशंस वर्किंग ग्रुप ऑन आर्बिटरी डिटेंशन (WGAD) के समक्ष एक अपील दायर की गई है और बिना किसी देरी के सुनवाई की मांग की गई है.
वसुंधरा को क्यों हिरासत में लिया गया?
पंकज के अनुसार, उनकी बेटी को युगांडा में कंपनी के ईएनए प्लांट से लगभग 20 हथियारबंद लोगों ने हिरासत में लिया, जिन्होंने न तो पहचान पत्र दिखाया और न ही कोई वारंट. उन्होंने आरोप लगाया कि वसुंधरा को कंपनी के एक पूर्व कर्मचारी द्वारा दायर झूठे मामले में हिरासत में लिया गया, जिसने कंपनी से 200,000 डॉलर का ऋण लिया था और इसे वापस करने से इनकार कर दिया था. पंकज ने कहा कि पूर्व कर्मचारी तब से तंजानिया भाग गया है और उसने उनकी बेटी के खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं.
वसुंधरा के इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट में उनकी अवैध हिरासत और गिरफ्तारी की जानकारी साझा की गई है. पोस्ट की तस्वीर में फर्श पर खून और शौचालय देखा जा सकता है. पोस्ट में दावा किया गया कि उन्हें 90 घंटे से अधिक समय तक जूतों से भरे कमरे में बैठने के लिए मजबूर किया गया, और लगभग पांच दिनों तक उन्हें नहाने या कपड़े बदलने की अनुमति नहीं दी गई. इसके अलावा स्वच्छ पानी और उचित भोजन जैसी बुनियादी जरूरतों से वंचित रखा गया.
न्यूज वेबसाइट ईयू रिपोर्टर ने एक रिपोर्ट में कहा कि वसुंधरा को शाकाहारी भोजन नहीं दिया गया और उनके परिवार और वकीलों से मिलने की अनुमति नहीं दी गई.