हैदराबाद: एक सनसनीखेज खुलासे में तेलंगाना आपराधिक जांच विभाग (CID) ने विदेशी नागरिकों और अपराधियों को फर्जी पासपोर्ट जारी करने में शामिल एक गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया है. सूत्रों ने बताया कि आरोपियों ने विशेष शाखा कर्मियों को फर्जी पासपोर्ट जारी करने का लालच दिया था. सीआईडी ने मामले की आंतरिक जांच के आदेश दिए हैं और फर्जीवाड़े में पासपोर्ट एजेंटों के साथ मिलीभगत करने वाले कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है.
सूत्रों ने बताया कि विदेशी नागरिकों को फर्जी पासपोर्ट जारी किए जाने की खुफिया जानकारी मिलने के बाद गिरोह का भंडाफोड़ हुआ. विशेष इनपुट मिलने के बाद तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के अलावा जगतियाल, कोरुतला, निज़ामाबाद और करीमनगर सहित कई स्थानों पर छापेमारी शुरू की गई. इस बारे में एक अधिकारी ने कहा कि छापेमारी के दौरान कम से कम 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें हैदराबाद का रहने वाला सरगना अब्दुस सत्तार उस्मान अल जाहवारी (50) भी शामिल है.
सूत्रों ने बताया कि प्रारंभिक सीआईडी जांच से पता चला है कि गिरोह द्वारा जाली दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट जारी कराए जाने के बाद विभिन्न जिलों में 92 विदेशी फर्जी पासपोर्ट के जरिये विदेश चले गए हैं. इस संख्या में और इजाफा हो सकता है. सूत्रों ने बताया कि तेलंगाना में रोजाना औसतन 3,800 लोग पासपोर्ट के लिए आवेदन करते हैं. वहीं प्रक्रिया के मुताबिक आवेदकों की पहचान संबंधित पुलिस स्टेशनों द्वारा सत्यापित की जाती है. वहां की विशेष शाखा के कर्मचारियों को व्यक्तिगत रूप से आवेदकों से मिलना चाहिए, पूछताछ करनी चाहिए और पुष्टि करनी चाहिए कि आवेदन में उल्लिखित सभी विवरण सही हैं और तदनुसार उच्च अधिकारियों को एक रिपोर्ट भेजनी चाहिए. विशेष शाखा की कथित मिलीभगत से फर्जी पासपोर्ट जारी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश होने से हड़कंप मच गया है. सूत्रों ने बताया कि सीआईडी ने कानून की संबंधित धारा के तहत मामला दर्ज किया है और विशेष शाखा की कथित भूमिका की जांच का आदेश दिया है.
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