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उद्धव गुट का कांग्रेस पर हमला, 'ठाकरे के चेहरे पर चुनाव लड़ा गया होता तो परिणाम कुछ और होता' - MVA DEFEAT

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एमवीए की करारी हार के बाद शिवसेना (यूबीटी) के नेता अंबादास दानवे ने कांग्रेस की आलोचना की है.

Blame Game Starts in MVA Shiv Sena UBT Ambadas Danve Criticises Congress for overconfidence
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 28, 2024, 7:27 PM IST

मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एमवीए की करारी हार के बाद विपक्षी गठबंधन के भीतर बयानबाजी शुरू हो गई है. शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता अंबादास दानवे ने महाराष्ट्र में कांग्रेस के चुनाव के दौरान 'अति आत्मविश्वासी रवैये' के लिए आलोचना की. उनका कहना है कि कांग्रेस के रवैये के कारण महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की संभावनाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा.

महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता दानवे ने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि चुनाव नतीजे कुछ और होते अगर एमवीए की तरफ से उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया होता. उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा, 'वे नतीजों से पहले ही सूट-टाई पहनकर तैयार हो रहे थे.'

उन्होंने कहा, "लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस हरियाणा और जम्मू-कश्मीर की तरह महाराष्ट्र में भी अति आत्मविश्वास में थी. यह नतीजों में भी दिखाई दिया. सीट बंटवारे पर बातचीत के दौरान उसके रवैये ने हमें नुकसान पहुंचाया. उद्धव जी को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश किया जाना चाहिए था. ऐसा न करने से हमारी संभावनाओं को नुकसान पहुंचा. अगर ऐसा किया जाता तो नतीजे कुछ और होते."

शिवसेना (यूबीटी) के नेता अंबादास दानवे (ETV Bharat)

किसी पार्टी का नाम लिए बगैर दानवे ने यह भी कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के कुछ उम्मीदवारों ने संगठनात्मक ढांचे से संबंधित मुद्दों की ओर ध्यान दिलाया है. उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) महाराष्ट्र में अब सभी 288 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए खुद को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करेगी.

वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा, "हमने सामूहिक रूप से मिलकर चुनाव लड़ा है लेकिन EVM में गड़बड़ी हुई है."

एमवीए में दरार पड़ने की संभावना
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र में एमवीए में दरार पड़ने की संभावना है. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) के भीतर से कांग्रेस से अलग होने और अकेले चुनाव लड़ने की सुगबुगाहट बढ़ रही है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई बैठक में शिवसेना (यूबीटी) के 20 नवनिर्वाचित विधायकों में से अधिकांश ने कथित तौर पर एमवीए से अलग होने के लिए दबाव डाला. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि एकनाथ शिंदे की शिवसेना के शानदार प्रदर्शन से शिवसेना (यूबीटी) के जमीनी कार्यकर्ता सवाल उठा रहे हैं कि एमवीए गठबंधन कितना प्रभावी रहा है.

हालांकि, सूत्रों ने कहा कि उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और राज्यसभा सांसद संजय राउत भाजपा के खिलाफ एकजुट विपक्ष पेश करने के लिए गठबंधन को बरकरार रखने के लिए दृढ़ हैं.

एमवीए गठबंधन को लेकर पार्टी के भीतर असंतोष पर टिप्पणी करते हुए अंबादास दानवे ने माना कि कार्यकर्ताओं का एक वर्ग महसूस करता है कि पार्टी को भविष्य के चुनाव अकेले ही लड़ने चाहिए. दानवे ने कहा, "पार्टी के एक बड़े वर्ग में स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की भावना है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि शिवसेना (यूबीटी) सत्ता में आती है या नहीं. पार्टी सत्ता हथियाने के लिए पैदा नहीं हुई है. यह एक विचारधारा पर काम करने वाली पार्टी है."

सभी को विचार व्यक्त करने का अधिकार
वहीं, दानवे के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि हर किसी को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है.

कांग्रेस के नेता भी अकेले चुनाव लड़ने के पक्ष में...
उधर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने स्वीकार किया कि कांग्रेस के नेता भी अकेले चुनाव लड़ने के पक्ष में हैं. उन्होंने कहा, "लेकिन यह पार्टी का फैसला नहीं हो सकता. हम नतीजों और हार के कारणों का विश्लेषण करने की प्रक्रिया में हैं."

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी महायुति ने भारी बहुमत के साथ जीत दर्ज की है. महायुति में भाजपा को 132 सीटें, शिवसेना को 57 और एनसीपी को 41 सीटें मिली. एमवीए में शिवसेना (यूबीटी) ने 20 सीटें, कांग्रेस ने 16 और एनसीपी (एसपी) ने 10 सीटें हासिल कीं.

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