नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने सपा, टीएमसी और आरजेडी जैसे सहयोगी दलों की ओर से इंडिया ब्लॉक में नेतृत्व परिवर्तन की मांग को खारिज कर दिया है. कांग्रेस ने जोर देकर कहा है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी इंडिया ब्लॉक के मूल में है और राहुल गांधी विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व कर रहे हैं.
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि ऐसी आवाजें केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही खुश कर रही हैं, जिन्हें लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी संसद के अंदर और बाहर विभिन्न मुद्दों पर लगातार निशाना बना रहे हैं.
इंडिया गठबंधन में नेतृत्व का मुद्दा एक बार फिर से उभरा है, जब हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन एमवीए को करारी हार का सामना करना पड़ा था. राज्य में भाजपा के खिलाफ कांग्रेस का अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा. हालांकि, झारखंड में विपक्षी गठबंधन लगातार दूसरी बार सत्ता बरकरार रख सका.
चार राज्यों के विधानसभा चुनाव महत्वपूर्ण थे क्योंकि ये 2024 के लोकसभा चुनाव के कुछ महीने बाद कराए गए. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ इंडिया ब्लॉक ने पिछले चुनावों के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन किया और कुल 543 में से 234 सीटें जीतकर खुद को मजबूत किया था. कांग्रेस ने 2019 के मुकाबले दोगुनी सीटें (99) जीती थीं, जबकि भाजपा 303 से घटकर 240 सीट पर आ गई. मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में एनडीए की सहयोगी पार्टियां जेडीयू और टीडीपी का समर्थन बहुत अहम है, क्योंकि एनडीए को 292 सीटें मिली हैं.
हालांकि, राज्यों में चुनावी हार ने सहयोगी दलों को कांग्रेस को चिढ़ाने का एक और मौका दिया.
सपा नेता राम गोपाल यादव ने सबसे पहले राहुल गांधी के खिलाफ आवाज उठाई. उन्होंने लोकसभा चुनाव और हाल के विधानसभा चुनावों में भाजपा को हराने में सक्षम नहीं होने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया. राजद के संस्थापक लालू प्रसाद यादव ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दावे का समर्थन किया, जिन्होंने इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व करने की इच्छा व्यक्त की. जबकि ममता ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले विपक्षी गठबंधन में शामिल होने से इनकार कर दिया था.