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NSA डोभाल का चीनी दौरा, विदेश मंत्री वांग यी से करेंगे मुलाकात - NSA DOVAL CHINA VISIT

2020 की शुरुआत में सीमा मुद्दे पर अजीत डोभाल और चीन के स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी ने बातचीत की थी.

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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (फाइल फोटो) (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 17, 2024, 9:49 AM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल विशेष प्रतिनिधि वार्ता के लिए बुधवार को चीन का दौरा करेंगे. एनएसए डोभाल की यह यात्रा अक्टूबर में भारत और चीन के बीच सीमा क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त को लेकर एक समझौते पर पहुंचने के बाद हो रही है.

भारत और चीन के बीच सीमा गतिरोध 2020 में पूर्वी लद्दाख में LAC पर चीनी सैन्य कार्रवाइयों के कारण शुरू हुआ था. इसके कारण दोनों देशों के बीच लंबे समय तक तनाव बना रहा, इससे संबंधों में काफी तनाव आया.

विदेश मंत्रालय के अनुसार दोनों पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाए रखने को लेकर वार्ता करेंगे. साथ ही सीमा से जुड़े विवादों समाधान निकालेंगे. 2020 की शुरुआत में सीमा मुद्दे पर भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधि अजीत डोभाल और चीन के स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी ने टेलीफोन पर बातचीत की थी. दोनों विशेष प्रतिनिधियों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में हाल के घटनाक्रमों पर बातचीत की थी.

भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधियों की 22वीं बैठक 21 दिसंबर 2019 को नई दिल्ली में आयोजित की गई. विदेश मंत्रालय (MEA) के अनुसार, भारतीय पक्ष का नेतृत्व एनएसए अजीत डोभाल ने किया, जबकि वांग यी ने चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया.

3 दिसंबर को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सीमा विवाद के सिलसिले में द्विपक्षीय चर्चा के लिए वार्ता को लेकर इच्छा जताई. उन्होंने कहा कि चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ उनकी हालिया बैठक में यह समझ बनी है कि विशेष प्रतिनिधि और विदेश सचिव स्तर की वार्ता जल्द ही आयोजित की जाएगी.

भारत-चीन संबंधों के साथ-साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों की वापसी पर लोकसभा को जानकारी देते हुए जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध 2020 से 'असामान्य' रहे हैं. चीनी कार्रवाइयों के परिणामस्वरूप सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता भंग हुई थी.

जयशंकर ने कहा, 'हमारे संबंध कई क्षेत्रों में आगे बढ़े हैं, लेकिन हाल की घटनाओं से स्पष्ट रूप से नकारात्मक रूप से प्रभावित हुए हैं. हम स्पष्ट हैं कि सीमा क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाए रखना हमारे संबंधों के विकास के लिए एक पूर्व शर्त है. आने वाले दिनों में हम सीमा क्षेत्रों में अपनी गतिविधियों के प्रभावी प्रबंधन के साथ-साथ तनाव कम करने पर भी चर्चा करेंगे.'

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