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मणिपुर हाई कोर्ट ने मेइती समुदाय को एसटी सूची में डालने के आदेश को रद्द किया

By PTI

Published : Feb 22, 2024, 5:47 PM IST

Updated : Feb 22, 2024, 8:03 PM IST

Manipur High Court : मणिपुर हाई कोर्ट ने मेइती समुदाय को एसटी सूची में डालने के आदेश रद्द कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि उस पैरे को हटाने के लिए कहा है जिसमें मेइती समुदाय को एसटी की सूची में शामिल करने के बारे में विचार किए जाने के लिए कहा गया था.

Manipur High Court
मणिपुर हाई कोर्ट

इंफाल : मणिपुर हाई कोर्ट ने मार्च 2023 में दिए गए फैसले के उस पैरा को हटाने का आदेश दिया है जिसमें राज्य सरकार से मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) की सूची में शामिल करने पर विचार करने को कहा गया था. अदालत ने कहा कि यह पैरा हाई कोर्ट की संविधान पीठ द्वारा इस मामले में रखे गए रुख के विपरीत है.

हाई कोर्ट द्वारा 27 मार्च, 2023 दिए गए निर्देश को राज्य में जातीय संघर्ष के लिए उत्प्रेरक माना जाता है. इस संघर्ष में 200 से अधिक लोगों की जान चली गई. न्यायमूर्ति गोलमेई गैफुलशिलु की एकल एक पीठ ने बुधवार को एक समीक्षा याचिका की सुनवाई के दौरान उक्त अंश को हटा दिया. पिछले साल के निर्णय में राज्य सरकार को मेइती समुदाय को एसटी सूची में डालने पर शीघ्रता से विचार करने का निर्देश देने वाले विवादित पैराग्राफ को हटाने का अनुरोध किया गया था.

पिछले साल के फैसले के पैरा में कहा गया था कि राज्य सरकार आदेश प्राप्त होने की तारीख से 'मीतेई/मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने के लिए याचिकाकर्ताओं के अनुरोध पर शीघ्रता से यह संभव हो तो चार सप्ताह की अवधि के भीतर विचार करेगी.'

न्यायमूर्ति गाइफुलशिलु ने 21 फरवरी के फैसले में अनुसूचित जनजाति सूची में संशोधन के लिए भारत सरकार की निर्धारित प्रक्रिया की ओर इशारा करते हुए उक्त निर्देश को हटाने की आवश्यकता पर जोर दिया. न्यायमूर्ति गाइफुलशिलू ने कहा, 'तदनुसार, पैरा संख्या 17(iii) में दिए गए निर्देश को हटाने की जरूरत है और 27 मार्च, 2023 के फैसले और आदेश के पैरा संख्या 17(iii) को हटाने के लिए तदनुसार आदेश दिया जाता है...'

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Last Updated : Feb 22, 2024, 8:03 PM IST

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