नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी के नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मचने से 18 लोगों की मौत हो गई. वहीं, करीब दो दर्जन लोग घायल हो गए. केंद्र ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं. इस बीच सरकार ने मृतक के परिजनों को 10 लाख, गंभीर रूप से घायलों को 2.5 लाख, मामूली रूप से घायलों को एक लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है.
यह घटना प्लेटफार्म नंबर 14/15 पर रात करीब साढ़े आठ बजे उस समय हुई, जब यात्री प्रयागराज की ओर जाने वाली दो ट्रेनों का इंतजार कर रहे थे, लेकिन ये ट्रेनें नहीं पहुंचीं, जिससे प्लेटफार्म पर यात्रियों की भीड़ एकत्रित हो गई.
इस बीच वाराणसी जाने वाली शिवगंगा एक्सप्रेस के प्लेटफार्म पर खड़ी होने से उसके यात्री भी प्लेटफार्म पर पहुंचना शुरू हो गए. ऐसे में भीड़ बढ़ गई और धक्का-मुक्की होने लगी, जो अचानक भगदड़ में बदल गई. बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है, जब भारत में इस तरह से भगदड़ मची हो. पिछले कुछ साल में देश के अलग-अलग हिस्सों में इस तरह की घटनाएं होती रही हैं.
प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़
हाल ही में उत्तर प्रदेश केप्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में भगदड़ मच गई थी. इस हादसे में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी, जबकि लगभग 60 लोग घायल हो गए थे. यह भगदड़ मौनी अमावस्या के दिन अमृत स्नान के मौके पर मची थी.
तिरुपति बालाजी के पास भगदड़
जनवरी 2025 में दक्षिणी राज्य आंध्र प्रदेश में भारत के सबसे व्यस्त और सबसे अमीर मंदिरों में से एक तिरुपति बालाजी के पास भगदड़ मचने से कम से कम छह लोग मारे गए और 35 घायल हो गए. यह घटना उस समय हुई, जब हजारों हिंदू श्रद्धालु मुफ्त दर्शन पास हासिल करने के लिए वहां एकत्र हुए थे.
हाथरस में सत्संग के कार्यक्रम में भगदड़
इससे पहले जुलाई 2024 को उत्तर प्रदेश के हाथरस में नारायण साकार हरि के सत्संग में भगदड़ मच गई थी. इस हादसे में करीब 120 लोगों की मौत हुई और कई लोग घायल हुए. नारायण साकार हरि उर्फ़ भोले बाबा का सत्संग को नेशनल हाइवे 34 पर उत्तर प्रदेश के हाथरस के फुलराई गांव में आयोजित हुआ था.
वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़
इससे पहले जनवरी 2022 में जम्मू-कश्मीर में वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़ मचने से कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. यह घटना उस समय हुई जब श्रद्धालुओं की एक बड़ी भीड़ ने संकरे मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की.