जम्मू:लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण के दौरान 26 अप्रैल को जम्मू संसदीय क्षेत्र में 72.32 प्रतिशत मतदान हुआ. अधिकारियों के मुताबिक इस बार कुल मतदान का आंकड़ा 2019 चुनाव की तुलना में 9.84 प्रतिशत कम है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में 80.2 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था. दूसरे चरण के मतदान के लिए शुक्रवार सुबह 7 बजे से 18 निर्वाचन क्षेत्रों के मतदाताओं ने उत्साहपूर्वक वोटिंग की. जम्मू में हुए दूसरे चरण के मतदान में 12 निर्दलीय समेत कुल 22 उम्मीदवारों के भाग्य ईवीएम में कैद हो गए. जम्मू निर्वाचन क्षेत्र में 17 लाख 81 हजार 545 मतदाताओं ने लोकतंत्र के महापर्व में हिस्सा लिया.
कहां कितने प्रतिशत हुआ मतदान
अधिकारियों के मुताबिक सबसे अधिक 79.43 प्रतिशत मतदान श्री माता वैष्णो देवी में दर्ज किया गया. जबकि बाहु में सबसे कम 62.34 फीसदी मतदान हुआ. मढ़ खंड में 79.31 प्रतिशत, अखनूर में 78.27 प्रतिशत, बिश्नाह में 76.54 प्रतिशत, सुचेतगढ़ में 75.94 प्रतिशत मतदान हुआ. बता दें कि, चिलचिलाती गर्मी के बावजूद जम्मू, सांबा, रियासी और राजौरी में मतदाता रिकॉर्ड संख्या में मतदान के लिए पहुंचे. भारतीय जनता पार्टी के निवर्तमान सांसद जुगल किशोर शरमा 2014 और 2019 के चुनावों में जीतने के बाद अब तीसरी बार इसी सीट से मैदान में हैं. वहीं,'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस' (I.N.D.I.A) ने कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष रमन भल्ला को प्रत्याशी बनाया. इस सीट पर कुल 22 उम्मीदवार मैदान में हैं.
4 जून को नतीजा दिलचस्प होगा
पूरे दिन मतदान में उतार-चढ़ाव देखा गया, सुबह 9 बजे के अपडेट में कुल मिलाकर सबसे कम 10.39 फीसदी मतदान हुआ. हालांकि, जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए घर से बाहर आए, जिससे मतदान का समय समाप्त होने तक मतदान का प्रतिशत बढ़ गया. चुनावी सरगर्मी की बात करें तो, जम्मू में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निवर्तमान सांसद जुगल किशोर शर्मा और कांग्रेस उम्मीदवार रमन भल्ला के बीच मुकाबले ने लोगों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया.
इस बार दिग्गज नेता चुनाव मैदान में
पैंथर्स पार्टी के प्रमुख हर्ष देव सिंह और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला सहित विभिन्न दलों के प्रमुख नेताओं ने कांग्रेस के दावेदार के पीछे अपना पूरा जोर लगा दिया, जिससे यहां का चुनावी मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया. जबकि 2019 की तुलना में मतदान में गिरावट देखी गई. जम्मू में चुनावी प्रक्रिया में मतदाताओं की सक्रिय भागीदारी देखी गई.