कोलकाता: पश्चिम बंगाल के पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को कथित राशन वितरण घोटाला मामले में जमानत मिल गई है. ईडी ने उन्हें 27 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था. बैंकशाल कोर्ट परिसर में पीएमएलए कोर्ट ने मलिक को 25-25 हजार रुपये के दो बॉन्ड और 50 लाख रुपये का निजी बॉन्ड जमा करने का आदेश दिया है. पूर्व मंत्री के वकील ने कहा कि चूंकि उनके खिलाफ कोई अन्य मामला नहीं है, इसलिए 16 जनवरी को जेल से रिहा हो जाएंगे.
ईडी पर उठाये थे सवालः पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कथित राशन वितरण घोटाला मामले की जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे. ईडी से मलिक से कथित पत्र के बारे में भी पूछताछ की थी. जज प्रशांत मुखर्जी ने ईडी से कहा, "महत्वपूर्ण जानकारी वाला पत्र जब्त क्यों नहीं किया गया? यह पत्र कहां से आया?" उन्होंने आगे कहा, "आप राशन भ्रष्टाचार की बात कर रहे थे, लेकिन क्या कोई भूख से मरा? किसी ने शिकायत नहीं की. आप चोरी की जांच कर रहे थे, लेकिन आपको राशन भ्रष्टाचार कैसे मिला?"
सुपरमैन नहीं है हमः कोर्ट ने यह भी कहा कि छह एफआईआर में यह नहीं बताया गया है कि भ्रष्टाचार हुआ है. जज ने कहा, ''आपको मेल सर्च करके दस्तावेज मिले हैं, अगर राशन वितरण प्रणाली में कोई रैकेट चल रहा है तो आपको इसे साबित करना होगा.'' जवाब में ईडी के वकील ने कहा, ''पूरे मामले की जांच की जा रही है. हम कोई सुपरमैन नहीं हैं. उम्मीद के मुताबिक जांच में तेजी नहीं ला पाए हैं.''