हैदराबाद/पश्चिम बंगाल: महाशिवरात्रि के अवसर पर देश भर के शिवालय और मंदिरों में पूजा-अर्चना करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हुए हैं. वहीं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के तमाम बड़े राजनेता और सेलिब्रिटी ने बुधवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर देशवासियों को बधाई दी. राष्ट्रपति ने देश के प्रगति के पथ पर आगे बढ़ते रहने की कामना की. बता दें कि, महाशिवरात्रि भगवान शिव के सम्मान में हर साल मनाया जाने वाला एक हिंदू त्योहार है.
महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. इस वर्ष शिव चतुर्दशी बुधवार को सुबह 9:41 बजे शुरू हुई और गुरुवार को सुबह 8:39 बजे तक रहेगी. महाशिवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र माना जाता है. देश भर में बुधवार को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जा रहा है.इस अवसर पर श्रद्धालु 'जय भोलेनाथ' और 'हर-हर महादेव' का जयकारा लगाते हुए शिवालयों एवं मंदिरों में भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर रहे हैं.
महाशिवरात्रि भगवान शिव और देवी पार्वती के दिव्य मिलन का स्मरण कराती है और कुंभ मेले के संदर्भ में विशेष महत्व रखती है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव ने समुद्र मंथन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसके कारण अमृत कुंभ (अमृत से भरा घड़ा) का उद्भव हुआ. यह कुंभ मेले का सार है. ऐसी मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान निकले विष को भगवान शिव ने पिया था और अपने कंठ में उसे रोक लिया था जिसकी वजह से उन्हें नीलकंठ भी कहा जाता है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कामना की कि यह पर्व सभी के जीवन में सुख-समृद्धि एवं उत्तम स्वास्थ्य लेकर आए तथा 'विकसित भारत' के संकल्प को मजबूती दे. प्रधानमंत्री ने 'एक्स' पर लिखा, "सभी देशवासियों को भगवान भोलेनाथ को समर्पित पावन पर्व महाशिवरात्रि की असीम शुभकामनाएं। यह दिव्य अवसर आप सभी के लिए सुख-समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य लेकर आए, साथ ही विकसित भारत के संकल्प को सुदृढ़ करे, यही कामना है... हर-हर महादेव!"
महाकुंभः महाशिवरात्रि पर 1.18 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई
प्रयागराज में महाकुंभ का अंतिम स्नान पर्व बुधवार को 'हर हर महादेव' के उद्घोष के साथ प्रारंभ हुआ और तड़के से ही श्रद्धालुओं का गंगा और संगम में डुबकी लगाना जारी है. दोपहर दो बजे तक 1.18 करोड़ लोगों ने स्नान किया. मेला प्रशासन ने स्नानार्थियों पर 120 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियों की वर्षा कराई.
अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को दोपहर दो बजे तक 1.18 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई। महाकुंभ में अभी तक 65.95 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं और शाम तक यह आंकड़ा 66 करोड़ को पार करने की संभावना है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाशिवरात्रि पर लोगों को बधाई देते हुए सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखा, "महाकुंभ 2025, प्रयागराज में भगवान भोलेनाथ की उपासना को समर्पित महाशिवरात्रि के पावन स्नान पर्व पर आज त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए पधारे सभी पूज्य साधु संतों एवं श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन." उन्होंने कहा, "त्रिभुवनपति भगवान शिव और पुण्य सलिला मां गंगा सभी का कल्याण करें, यही प्रार्थना है... हर हर महादेव."
महाकुंभ: महाशिवरात्रि पर संगम पर एक साथ दिखे भारत के विविध रंग
प्रयागराज में पिछली 13 जनवरी को शुरू हुए आस्था के सबसे बड़े संगम महाकुंभ के अंतिम दिन महाशिवरात्रि पर देश के विभिन्न भागों से तीर्थयात्री पवित्र संगम स्थल पर डुबकी लगाने के लिए एकत्र हुए और झांझ की झंकार, पवित्र मंत्र और भारत के विविध रूप दिखाने वाले रंग त्रिवेणी संगम पर एक दूसरे में घुल-मिल गये.
प्रयागराज में महाकुंभ पिछली 13 जनवरी (पौष पूर्णिमा) को शुरू हुआ था और इसमें नागा साधुओं के भव्य जुलूस और तीन 'अमृत स्नान' हुए। इस विशाल धार्मिक समागम में अब तक रिकॉर्ड 64 करोड़ से अधिक तीर्थयात्री शामिल हुए हैं।
महाकुंभ के अंतिम शुभ स्नान की वजह से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आधी रात के करीब संगम के तट पर एकत्र होने लगे थे. उनमें से अनेक लोग 'ब्रह्म मुहूर्त' में डुबकी लगाने के लिए धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा कर रहे थे, जबकि उनमें से कई ने नियत समय से बहुत पहले ही स्नान अनुष्ठान कर लिया था. महाशिवरात्रि पर पवित्र डुबकी लगाने के लिए कर्नाटक, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना से भी तीर्थयात्री आए हैं.
पश्चिम बंगाल के तारकेश्वर में महाशिवरात्रि की धूम
महाशिवरात्रि के अवसर पर पूजा-अर्चना करने के लिए सुबह से ही पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के तारकेश्वर मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े. हर साल इस अवसर पर तारकेश्वर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. भक्तों को पूरे दिन और रात मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति होती है और वे भगवान शिव की भक्ति के रूप में शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं. बुधवार को सुबह से ही भक्त दूध, बेलपत्र और भगवान शिव के प्रिय फूल अकोंदो की माला लेकर बाबा तारकनाथ के दरबार में पहुंचने लगे. कुछ भक्त सिर पर जल से भरा घड़ा लेकर आए, कुछ ने घड़ा लिया तो कई ने माथे पर त्रिशूल बना रखा था. कई भक्त कई मील पैदल चलकर मंदिर पहुंचे.
बुधवार को रात 9 बजे से 10 बजे तक तारकेश्वर मंदिर में विशेष पूजा होगी. यह पूजा मंदिर के महंत महाराज द्वारा की जाएगी. इस दौरान मंदिर में कोई प्रसाद नहीं चढ़ाया जाएगा. तारकेश्वर पुरोहित मंडल के अध्यक्ष संदीप चटर्जी ने बताया, "शिवरात्रि पर मंदिर में भोग आरती और संध्या आरती नहीं होती है. तारकेश्वर मठ और मंदिर के महंत महाराज द्वारा विशेष पूजा करने के बाद बाबा भोलेनाथ को प्रसाद चढ़ाया जाएगा. इस दिन भक्त और साधु दोनों ही भगवान शिव का आशीर्वाद मांगते हैं, ताकि उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो. "