नई दिल्ली: कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) के सब्सक्राइबर्स की संख्या में इस साल अक्टूबर में 3 फीसदी यानी 17.80 लाख की बढ़ोतरी हुई है. पेरोल डेटा में यह जानकारी दी गई है. इस संबंध में श्रम मंत्रालय ने कहा कि अक्टूबर 2024 तक 21,588 नए संस्थानों को ESIC स्कीम के सोशल सिक्योरिटी दायरे में लाया गया है.
ईएसआई स्कीम उन कर्मचारियों के लिए चलाई जाती है, जिनकी इनकम कम होती है. इस स्कीम से फायदा प्राइवेट कंपनियों, फैक्ट्रियों और कारखानों में काम करने वाले कर्मचारियों को फायदा मिलता है. इसकी संचालन कर्मचारी राज्य बीमा निगम करता है. इस योजना को कर्मचारियों को सोशल और फाइनेंशियल सिक्योरिटी देने के लिए डिजाइन किया गया है.
ESIC स्कीम में कौन कर सकता है आवेदन?
इस स्कीम का लाभ वे कर्मचारी उठा सकते हैं, जिनकी सैलरी 21 हजार रुपये प्रति माह या इससे कम है. इस तरह के कर्मचारियों को कंपनी योजना में एनरॉल शामिल करती है. ESI स्कीम में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों योगदान करते हैं. इसमें कर्मचारी की तरफ से सैलरी का 1.75 फीसदी और नियोक्ता की ओर से कर्मचारी की सैलरी के 4.75 फीसदी के बराबर योगदान किया जाता है.
ESIC स्कीम के फायदे
ईएसआई योजना के तहत आने वाले कर्मचारियों को सबसे बड़ा मुफ्त इलाज का मिलता है. इस स्कीम के जरिए बीमित व्यक्ति के अलावा उस पर निर्भर पारिवारिक सदस्यों को भी फ्री में इलाज की सुविधा मिलती है. इतना ही नहीं स्कीम के तहत इलाज में आने वाले खर्च की कोई अधिकतम सीमा नहीं है. वहीं, अगर कर्मचारी महिला है तो उसे मैटरनिटी लीव के दौरान डिलीवरी में 26 हफ्ते तक और गर्भपात की स्थिति में 6 हफ्ते तक औसत वेतन का 100 फीसदी पेमेंट किया जाता है.