नई दिल्ली: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) एसवाई कुरैशी ने शनिवार को कहा कि चुनाव आयोग को 2024 के लोकसभा चुनाव परिणामों में कथित विसंगतियों पर सफाई देनी चाहिए, क्योंकि हाल ही में दो रिपोर्टों में आंकड़ों में अंतर का हवाला दिया गया है. कुरैशी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि अगर आंकड़ों में विसंगति से संबंधित सवाल उठ रहे हैं, तो भारत निर्वाचन आयोग को इस मामले पर सफाई देनी चाहिए. चुनाव आयोग के पास इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) और पोस्टल बैलेट से सभी डेटा हैं. पोस्टल बैलेट के कारण अंतिम आंकड़ों में कोई विसंगति हो सकती है, लेकिन इसे स्पष्ट करना चुनाव आयोग का काम है. उन्होंने आगे कहा कि पारदर्शिता लोकतंत्र के लिए अच्छी है.
एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2024 के लोकसभा चुनाव परिणामों में 538 संसदीय क्षेत्रों में 5,89,691 वोटों के आंकड़ों में विसंगति थी. इसमें से, 362 निर्वाचन क्षेत्रों में डाले गए मतों से 5,54,598 वोट कम गिने गए और 176 निर्वाचन क्षेत्रों में डाले गए मतों से 35,093 वोट अधिक गिने गए.
एनजीओ वोट फॉर डेमोक्रेसी की एक अन्य रिपोर्ट में दावा किया गया है कि शुरुआती वोटों की गिनती और अंतिम वोटों की गिनती के बीच लगभग 5 करोड़ मतों का अंतर है और इससे एनडीए या बीजेपी को 76 सीटें जीतने में मदद मिल सकती है. अगर इस तरह की बढ़ोतरी न होती तो एनडीए और बीजेपी को इतनी ही सीटों का नुकसान उठाना पड़ सकता. विशेष रूप से रिपोर्ट ने इशारा किया है कि ओडिशा और आंध्र प्रदेश में डाले गए मतों में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. ओडिशा में जहां भाजपा ने उम्मीद से अच्छा प्रदर्शन किया, वहीं आंध्र प्रदेश में एनडीए में शामिल टीडीपी ने चुनावों में जीत हासिल की. दोनों रिपोर्टों में ईवीएम से संबंधित मुद्दों को सुलझाने के लिए चुनाव आयोग से हस्तक्षेप करने की मांग की गई है, खासकर विपक्षी दलों ने इसका हवाला दिया है.
पिछले पांच वर्षों से विपक्षी दल ईवीएम को लेकर अपनी चिंताओं को उठाते रहे हैं. उनकी मांग है कि ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से मतदान कराए जाएं. विपक्ष ने यहां तककि वोटों के क्रॉस-सत्यापन के लिए ईवीएम मतों के साथ 100 प्रतिशत वीवीपैट पर्चियों के मिलान की भी मांग की थी, लेकिन चुनाव आयोग ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए 10 प्रतिशत वीवीपैट पर्चियों के मिलान की अनुमति दी थी.