नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के 5 लोक सेवकों, तत्कालीन निदेशक, तत्कालीन वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रमुख, निदेशक अनुसंधान सेल और तत्कालीन प्रधान वैज्ञानिकों सहित 10 आरोपियों के खिलाफ तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं. जांच एजेंसी ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग और अनुसंधान संस्थान (एनईईआरआई), नागपुर और नवी मुंबई, ठाणे, पवई, प्रभादेवी स्थित निजी फर्म और एक अन्य निजी फर्म कथित भ्रष्टाचार से संबंधित हैं.
सीबीआई ने दर्ज किए मामले
सीबीआई अधिकारियों के अनुसार, ये मामले सीएसआईआर, नई दिल्ली के केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीओ) से 10 व्यक्तियों और निजी फर्मों के खिलाफ प्राप्त एक शिकायत के आधार पर आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार के आरोपों पर भरे गए हैं. महाराष्ट्र, हरियाणा, बिहार और दिल्ली में लगभग 17 स्थानों पर तलाशी ली जा रही है. सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि इससे अब तक आपत्तिजनक दस्तावेज, संपत्ति से संबंधित दस्तावेज और आभूषण बरामद हुए हैं.
पहला मामला
पहला मामला दो लोक सेवकों और तीन निजी फर्मों के खिलाफ दर्ज किया गया है. इस मामले में आरोपी लोक सेवक सीएसआईआर-एनईईआरआई, नागपुर के तत्कालीन निदेशक और तत्कालीन वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख निदेशक अनुसंधान कक्ष हैं, जबकि आरोपी निजी फर्मों में नवी मुंबई स्थित एक निजी फर्म, ठाणे स्थित एक निजी फर्म और पवई-मुंबई स्थित एक निजी फर्म शामिल हैं.
सीबीआई ने एक बयान में दावा किया कि, 'आरोपी लोक सेवकों ने कथित तौर पर आरोपी निजी कंपनियों के साथ साजिश रची, जिससे कथित अनुचित लाभ के बदले में गुटबाजी और मिलीभगत से बोली लगाने, निविदाओं या कार्यों को विभाजित करने, सक्षम प्राधिकारी की वित्तीय सहमति प्राप्त नहीं करने की अनुमति मिली. सभी तीन आरोपी निजी कंपनियों ने जारी किए गए निविदाओं में भाग लिया. सीएसआईआर-एनईईआरआई और नवी मुंबई स्थित निजी फर्म को अधिकांश निविदाओं में काम दिया गया था. 'इसमें यह भी आरोप है कि आरोपी नवी मुंबई स्थित निजी फर्म के निदेशकों में से एक एक संविदा कर्मचारी की पत्नी है, जो सीएसआईआर-एनईईआरआई, नागपुर के निदेशक का लंबे समय से सहयोगी रहा है.'
दूसरा मामला
दूसरा मामला सीएसआईआर-एनईईआरआई, नागपुर के तत्कालीन निदेशक और तत्कालीन प्रधान वैज्ञानिक और प्रभादेवी-मुंबई स्थित एक निजी फर्म सहित लोक सेवकों के खिलाफ दर्ज किया गया है. आरोपों पर जांच एजेंसी ने कहा कि आरोपी लोक सेवकों ने आरोपी निजी फर्म के साथ आपराधिक साजिश में 2018-19 की अवधि के दौरान आरोपी निजी फर्म के लिए अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए अपने आधिकारिक पदों का दुरुपयोग किया.
यह भी आरोप है कि वर्ष 2018-19 के दौरान, 19.75 लाख रुपये की लागत से दिवा-खरडी में डंपिंग साइट को बंद करने के लिए सलाहकार सेवा प्रदान करने के लिए सीएसआईआर-नीरी और आरोपी निजी फर्म का एक संयुक्त प्रस्ताव ठाणे नगर निगम को प्रस्तुत किया गया था. आरोपी तत्कालीन प्रधान वैज्ञानिक के साथ उक्त निदेशक द्वारा अनुमोदित किया गया था. सीबीआई के बयान में कहा गया है कि आरोपी निजी फर्म का चयन कथित तौर पर वित्तीय सलाहकार, सीएसआईआर के परामर्श के बिना, नामांकन के आधार पर मनमाने ढंग से किया गया था. यह भी आरोप लगाया गया है कि सीएसआईआर-एनईईआरआई के निदेशक का कार्यभार संभालने से पहले, आरोपी वर्ष 2015-16 के दौरान आरोपी निजी फर्म से जुड़ा था और इसकी आयोजन समिति का सदस्य और ट्रस्टी था.