रायपुर:नक्सलियों के गढ़ दंडकारण्य में 16 अप्रैल को माओवादियों की मांद में घुसकर जवानों ने 29 नक्सलियों को ढेर कर दिया. मारे गए नक्सलियों में दो हार्डकोर माओवादी भी शामिल हैं. लंबे वक्त से बस्तर में नक्सली विकास की राह में रोड़ा बनकर खड़े हैं. मंगलवार 16 अप्रैल को जवानों को खबर मिली की छोटेबेठिया के जंगल में माओवादी बड़ी बैठक कर रहे हैं. जवानों ने तुरंत एक्शन लेते हुए पूरे इलाके को घेर लिया. जवानों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए 29 नक्सलियों को मौके पर ही मार गिराया.
''हैं तैयार हम'': दोनों ओर से हुई गोलीबारी में ऑपरेशन में तीन जवान भी जख्मी हुए. घायल जवानों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. मुठभेड़ में घायल बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर रमेश चंद्र चौधरी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि मै दोबारा बस्तर में उतरने के लिए तैयार हूं. जवान रमेश ने कहा कि जख्म जरूर लगे हैं पर हौसला और हिम्मत दोनों मजबूत है. कांकेर के छोटेबेठिया एनकाउंटर में 29 नक्सलियों को जवानों ने ढेर किया था. घायल जवान की पत्नी भी अस्पताल में अपने पति की सेवा में लगी है. घायल पति को देखकर जरुर उनकी आंखे नम है पर उन्हे अपने पति की बहादुरी पर फक्र है. वो चाहती हैं कि जल्द उनके पति ठीक हो जाएं और ड्यूटी पर जाएं. बीएसएफ इंस्पेक्टर रमेश चंद्र चौधरी ईटीवी भारत के सवालों पर और क्या कुछ कहा जानिए
सवाल: मुठभेड़ वाले दिन नक्सलियों को लेकर किस तरह के इनपुट थे और क्या मूवमेंट किया गया ?
जवाब: उसे क्षेत्र में नक्सलियों के होने की सूचना मिली थी. इसके बाद डीआरजी और बीएसएफ के जवानों के साथ हम लोग उस और बढ़े. पहले वाले टारगेट एरिया को सर्च किया. वहां कुछ नहीं मिला. इसके बाद दूसरे टारगेट एरिया में पहुंचे. वहां पर नक्सली थे, उसे क्षेत्र की घेराबंदी शुरू की. इस बीच नक्सलियों को इसकी भनक लग गई और फिर वे भगाने के लिए फायरिंग करने लगे. इसके बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए हमने भी फायरिंग की. नक्सली लगभग 30 से 32 की संख्या में थे. हमने उनको आत्मसमर्पण के लिए भी कहा लेकिन वो नहीं माने. नक्सलियों की ओर से लगातार गोलीबारी होती रही. जब उन्होने सरेंडर नहीं किया तो हमने भी फायरिंग शुरु की.