नई दिल्ली:विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को नई दिल्ली में बिम्सटेक विदेश मंत्रियों की बैठक में कहा कि बिम्सटेक भारत के 'पड़ोसी पहले' दृष्टिकोण, 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' और 'सागर' विजन के लिए महत्वपूर्ण है. जयशंकर ने कहा कि ये सभी प्रयास बंगाल की खाड़ी पर विशेष ध्यान केंद्रित करके किए जा रहे हैं, जहां एक-दूसरे के साथ सहयोग की क्षमता को लंबे समय से कम आंका गया है.
बिम्सटेक विदेश मंत्रियों की दूसरी बैठक में अपने उद्घाटन भाषण में जयशंकर ने कहा कि हमारी चुनौती इसे बेहतर बनाने की है और इसे तेजी से करना है. इस रीट्रीट का उद्देश्य विचारों का खुले तौर पर, स्पष्ट और लाभकारी ढंग से आदान-प्रदान करना है. बैंकॉक में इस तरह की पिछली बैठक से हम सभी को लाभ हुआ. अब इस बैठक का विशेष महत्व है क्योंकि यह इस साल के अंत में होने वाले शिखर सम्मेलन के लिए मजबूत परिणाम तैयार करने का काम करता है.
उन्होंने दोहराया कि भारत का संदेश स्पष्ट होना चाहिए कि वह बंगाल की खाड़ी के देशों के बीच सहयोग में नई ऊर्जा, नए संसाधन और नई प्रतिबद्धता को शामिल करने के लिए दृढ़ संकल्पित है. उन्होंने आगे कहा कि नई शुरुआत के लिए, बिम्सटेक चार्टर इस वर्ष 20 मई से प्रभावी हो गया है. जयशंकर ने कहा कि वैश्विक और क्षेत्रीय घटनाक्रमों के कारण यह जरूरी हो गया है कि हम आपस में ही अधिक समाधान खोजें.