जयपुर. जिले की सांभर झील में पक्षियों की मौत का आंकड़ा 10 हजार के पार हो गया है. लगातार हो रही पक्षियों की मौत के मामले पर पक्षी प्रेमियों ने चिंता जताई है. सांभर में बेजुबान परिंदों की मौत से दुखी पक्षी मित्रों ने मामले की उच्च स्तर पर जांच करवाने की मांग की है. साथ ही एनजीओ के प्रतिनिधियों ने पक्षियों की मौत के सिलसिले को रोकने और राजस्थान के तालाबों को दूषित जल से शीघ्र मुक्त कराने की मांग की है.
ट्री एंड बर्ड्स क्लब जयपुर की ओर से संदीप गुप्ता अपने सदस्यों के साथ सांभर झील पहुंचे. जहां उन्होंने पक्षियों की मौत के मामले में जानकारी ली और जीवित पक्षियों को सुरक्षित बचाने के लिए अपना सहयोग दिया. इसके साथ ही कई एनजीओ के प्रतिनिधि पक्षियों को रेस्क्यू करने में वन विभाग की टीम के साथ सेवाएं दे रहे हैं.
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हजारों की संख्या में हुई पक्षियों की मौत के मामले पर राजस्थान हाईकोर्ट ने भी खुद संज्ञान लिया था. जिसके बाद प्रशासन भी हरकत में आया और कई विभागों के अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर पूरे मामले का जायजा लिया. बता दें कि सिविल डिफेंस और एसडीआरएफ की टीमें पक्षियों को झील से निकालने में लगी हुई हैं. साथ ही मृत पक्षियों को बाहर निकाल कर दफनाया जा रहा है. वहीं, बीमार पक्षियों को रेस्क्यू सेंटर में इलाज दिया जा रहा है.
मृत पक्षियों के सैंपल लेकर भोपाल भेजे जा रहे हैं. जिससे पक्षियों की मौत के कारणों का सही पता चल सके. फिलहाल, बुटोलिज्म के कारण पक्षियों की मौत होना बताया जा रहा है. वहीं, भोपाल से रिपोर्ट आने के बाद ही पक्षियों की मौत का सही कारण पता चल पाएगा. बता दें कि वन राज्यमंत्री सुखराम बिश्नोई ने भी सांभर झील का दौरा कर जमीनी हकीकत का जायजा लिया.
वन मंत्री के मुताबिक मुख्यमंत्री बेजुबान पक्षियों के मौत के मामले को मॉनिटर कर रहे हैं. साथ ही मंत्री ने कहा कि अब हालात नियंत्रण में है. वन विभाग की तमाम एजेंसियां पूरे समन्वय के साथ काम कर रही है. इस दौरान वन मंत्री ने निर्देश दिया कि हालात में सुधार नहीं होने तक राजस्व विभाग की जमीन पर स्थित रतन तालाब पर एक रेस्क्यू सेंटर की स्थापना की जाएगी. मंत्री बिश्नोई ने कचरौदा स्थित रेसक्यू सेंटर का जायजा लिया और वन विभाग और विभिन्न सहयोगी संस्थाओं के कामों का निरीक्षण किया.
बिश्नोई के मुताबिक पशुपालन विभाग के सांभर अस्पताल में पक्षियों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है. साथ ही पक्षियों के रेस्क्यू में वन्यजीव संस्थान देहरादून, बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी, राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर के विशेषज्ञ मौजूद हैं.