रेनवाल (जयपुर). राजधानी के पास स्थित सांभर झील में हजारों पक्षियों की मौत के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है. वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई ने शुक्रवार को सांभर झील का दौरा किया और हालातों का जायजा लिया. साथ ही मंत्री ने अधिकारियों को उचित कार्रवाई के निर्देश दिए.
मंत्री सुखराम बिश्नोई ने कहा कि पक्षियों की मौत के बाद सरकार पूरी तरह से गंभीर है और स्थिति पर नजर बनाई हुई है. इस मामले की मुख्यमंत्री खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं. साथ ही प्रयास किए जा रहे हैं कि किस तरह से हालातों से निपटकर घायल पक्षियों का उपचार करवाया जाए. वहीं करीब 150 लोगों की 12 टीमें दिन-रात उपचार करने में लगी है. जिससे सभी घायल पक्षियों का उपचार किया जा सके.
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें नावों की मदद से घूम-घूम कर मृत घायल पक्षियों को निकालकर डिस्पोज कर रही है. सभी घायल पक्षियों का उपचार जारी है. पक्षियों के उपचार के लिए कई रेस्क्यू सेंटर बनाए गए हैं और एक्सपर्ट की मदद ली जा रही है.
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मंत्री बिश्नोई ने जानकारी देते हुए कहा कि सैंपल बरेली भिजवाये गये हैं, जांच रिपोर्ट शुक्रवार रात तक आने के बाद ही पक्षियों के मौत के कारणों का पता चल पाएगा. वहीं वेटनरी डॅा. तेजराज चौधरी ने बताया कि अब तक 5 हजार 834 मौत हो चुकी है. घायल पक्षियों के बचाने के तमाम प्रयास किये जा रहे हैं और स्थिति नियंत्रण में है. कई स्वयंसेवी संस्थाएं भी मदद के लिए आगे आ रही है. रतन तलाब, झपोक बांध और साकंभरी माता बांध के करीब 12 किलोमीटर एरिया में 3 नावों की मदद से झील क्षेत्र का सर्वे किया जा चुका है.
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वहीं एक-एक घायल पक्षी को झील से निकालकर इजाज किया जा रहा है. जिससे दुसरे पक्षियों में रोग नहीं फैल सके. मरने वाले पक्षियों में प्लोवर, कॉमन कूट, काले पंखों वाला स्टिल्ट, उत्तरी फावड़े, सुर्ख शेल्ड आदि भी शामिल हैं. अभी तक पक्षियों की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है.