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सांभर झील में हजारों प्रवासी पक्षियों की मौत के बाद प्रशासन आया हरकत में, मंत्री सुखराम बिश्नोई ने हालातों का लिया जायजा - NDRF and SDRF teams

जयपुर में प्रवासी पक्षियों की मौत मामले में सुखराम बिश्नोई ने शुक्रवार को सांभर झील का दौरा किया. मंत्री ने कहा कि सरकार पूरी तरह से इस मामले में गंभीर है. वहीं अब तक 5 हजार 834 पक्षियों की मौत हो चुकी है.

Sambhar lake, death of migratory birds, सुखराम विश्नोई, जयपुर न्यूज
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Published : Nov 16, 2019, 3:08 AM IST

Updated : Nov 16, 2019, 6:26 AM IST

रेनवाल (जयपुर). राजधानी के पास स्थित सांभर झील में हजारों पक्षियों की मौत के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है. वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई ने शुक्रवार को सांभर झील का दौरा किया और हालातों का जायजा लिया. साथ ही मंत्री ने अधिकारियों को उचित कार्रवाई के निर्देश दिए.

सुखराम बिश्नोई ने किया सांभर झील का दौरा

मंत्री सुखराम बिश्नोई ने कहा कि पक्षियों की मौत के बाद सरकार पूरी तरह से गंभीर है और स्थिति पर नजर बनाई हुई है. इस मामले की मुख्यमंत्री खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं. साथ ही प्रयास किए जा रहे हैं कि किस तरह से हालातों से निपटकर घायल पक्षियों का उपचार करवाया जाए. वहीं करीब 150 लोगों की 12 टीमें दिन-रात उपचार करने में लगी है. जिससे सभी घायल पक्षियों का उपचार किया जा सके.

एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें नावों की मदद से घूम-घूम कर मृत घायल पक्षियों को निकालकर डिस्पोज कर रही है. सभी घायल पक्षियों का उपचार जारी है. पक्षियों के उपचार के लिए कई रेस्क्यू सेंटर बनाए गए हैं और एक्सपर्ट की मदद ली जा रही है.

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मंत्री बिश्नोई ने जानकारी देते हुए कहा कि सैंपल बरेली भिजवाये गये हैं, जांच रिपोर्ट शुक्रवार रात तक आने के बाद ही पक्षियों के मौत के कारणों का पता चल पाएगा. वहीं वेटनरी डॅा. तेजराज चौधरी ने बताया कि अब तक 5 हजार 834 मौत हो चुकी है. घायल पक्षियों के बचाने के तमाम प्रयास किये जा रहे हैं और स्थिति नियंत्रण में है. कई स्वयंसेवी संस्थाएं भी मदद के लिए आगे आ रही है. रतन तलाब, झपोक बांध और साकंभरी माता बांध के करीब 12 किलोमीटर एरिया में 3 नावों की मदद से झील क्षेत्र का सर्वे किया जा चुका है.

यह भी पढ़ें. शिक्षा विभाग के आदेश को बीजेपी ने बताया तुगलकी फरमान, साइकिल का रंग बदलने को लेकर सियासत तेज

वहीं एक-एक घायल पक्षी को झील से निकालकर इजाज किया जा रहा है. जिससे दुसरे पक्षियों में रोग नहीं फैल सके. मरने वाले पक्षियों में प्लोवर, कॉमन कूट, काले पंखों वाला स्टिल्ट, उत्तरी फावड़े, सुर्ख शेल्ड आदि भी शामिल हैं. अभी तक पक्षियों की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है.

रेनवाल (जयपुर). राजधानी के पास स्थित सांभर झील में हजारों पक्षियों की मौत के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है. वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई ने शुक्रवार को सांभर झील का दौरा किया और हालातों का जायजा लिया. साथ ही मंत्री ने अधिकारियों को उचित कार्रवाई के निर्देश दिए.

सुखराम बिश्नोई ने किया सांभर झील का दौरा

मंत्री सुखराम बिश्नोई ने कहा कि पक्षियों की मौत के बाद सरकार पूरी तरह से गंभीर है और स्थिति पर नजर बनाई हुई है. इस मामले की मुख्यमंत्री खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं. साथ ही प्रयास किए जा रहे हैं कि किस तरह से हालातों से निपटकर घायल पक्षियों का उपचार करवाया जाए. वहीं करीब 150 लोगों की 12 टीमें दिन-रात उपचार करने में लगी है. जिससे सभी घायल पक्षियों का उपचार किया जा सके.

एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें नावों की मदद से घूम-घूम कर मृत घायल पक्षियों को निकालकर डिस्पोज कर रही है. सभी घायल पक्षियों का उपचार जारी है. पक्षियों के उपचार के लिए कई रेस्क्यू सेंटर बनाए गए हैं और एक्सपर्ट की मदद ली जा रही है.

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मंत्री बिश्नोई ने जानकारी देते हुए कहा कि सैंपल बरेली भिजवाये गये हैं, जांच रिपोर्ट शुक्रवार रात तक आने के बाद ही पक्षियों के मौत के कारणों का पता चल पाएगा. वहीं वेटनरी डॅा. तेजराज चौधरी ने बताया कि अब तक 5 हजार 834 मौत हो चुकी है. घायल पक्षियों के बचाने के तमाम प्रयास किये जा रहे हैं और स्थिति नियंत्रण में है. कई स्वयंसेवी संस्थाएं भी मदद के लिए आगे आ रही है. रतन तलाब, झपोक बांध और साकंभरी माता बांध के करीब 12 किलोमीटर एरिया में 3 नावों की मदद से झील क्षेत्र का सर्वे किया जा चुका है.

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वहीं एक-एक घायल पक्षी को झील से निकालकर इजाज किया जा रहा है. जिससे दुसरे पक्षियों में रोग नहीं फैल सके. मरने वाले पक्षियों में प्लोवर, कॉमन कूट, काले पंखों वाला स्टिल्ट, उत्तरी फावड़े, सुर्ख शेल्ड आदि भी शामिल हैं. अभी तक पक्षियों की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है.

Intro:राजस्थान की राजधानी जयपुर के पास स्थित सांभर झील में हजारों पक्षियों की मौत के बाद प्रशासन हरकत में आ गया। वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई ने आज सांभर झील का दौरा किया तथा हालातों का जायजा लिया। तथा अधिकारियों को उचित निर्देश दिए। मंत्री विश्नोई ने कहा कि पक्षियों की मौत के बाद सरकार पूरी तरह से गंभीर है स्थिति पर नजर बनाई हुई है मुख्यमंत्री खुद मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं । किस तरह से हालातो से निपटकर किस तरह से घायल पक्षियों का उपचार किया जाए । करीब 150 लोग की 12 टीमे दिनरात उपचार करने में लगी हैं जिससे सभी घायल पक्षियों को निकालकर उपचार किया जा सके। एनडीआरएफ एसडीआरएफ की टीमें नावों की मदद से घूम कर मृत घायल पक्षियों को निकालकर डिस्पोज कर रही है। Body:तथा घायल पक्षियों का उपचार किया जा रहा है कई रेस्क्यू सेंटर बनाए गए हैं, तथा एक्सपर्ट की मदद ली जा रही है। तथा उन्होने कहा की सेंपल बरेली भिजवाये गये है, जांच रिपोर्ट आज रात तक आने के बाद ही पक्षियों के मौत के कारणों का पता चल पाएगा। वही वेटनरी डाँ तेजराज चौधरी ने बताया कि अब तक 50834 मौत हो चुकी है। घायल पक्षियों के बचाने के तमाम प्रयास किये जा रहे है। तथा स्थति नियंत्रण में है। कइर् स्वयं सेवी संस्थाएं भी मदद के लिए आगे आ रही है। रतन तलाब, झपोक बांध व साकम्भरी माता बांध के करीब 12 किलोमीटर एरिया में 3 नावो की मदद से झील क्षेत्र का सर्वे किया जा चुका है।Conclusion:एक-एक घायल पक्षी को झील से निकालकर इजाज किया जा रहा है ताकि दुसरे पक्षीयों में रोग नही फेल सके। लेकिन लोगो की माने तो अब तक 10 से 15 हजार पक्षियों की मौत हो चुकी है। मरने वाले पक्षियों में प्लोवर, कॉमन कूट, काले पंखों वाला स्टिल्ट, उत्तरी फावड़े, सुर्ख शेल्ड आदि भी शामिल हैं। वही अभी तक पक्षियों की मौत का कारण स्पष्ट नही हो सका है।
विजूयल व बाईट
बाईट-1- वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई।
बाईट-2- वेटनरी डाँ तेजराज चौधरी

रिपोर्ट—ईटीवी भारत के लिए शिवराज सिंह शेखावत, रेनवाल(जयपुर)।
Last Updated : Nov 16, 2019, 6:26 AM IST
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