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مین ورسس وائلڈ کے پروگرام میں مودی نظر آئے

ریاست اتراکھنڈ کے جم کاربیٹ نیشنل پارک کے جنگلوں میں فلمایا گیا ڈسکوری چینل کا خاص پروگرام 'مین ورسس وائلڈ ویتھ بیئر گرلس اینڈ پرائم منسٹر نریندر مودی' کل رات کو نشر ہو گیا۔

مین ورسس وائلڈ کے پروگرام میں مودی نظر آئے
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Published : Aug 13, 2019, 11:01 PM IST

Updated : Sep 26, 2019, 10:20 PM IST

وزیراعظم نریندر مودی اور بیئر گرلس دونوں اتراکھنڈ کے جم کاربیٹ کے جنگلوں میں ٹھنڈ اور بارش کی مشکلات کا سامنا کرتے ہوئے نظر آئے۔
گرلس کا کہنا ہے کہ وزیراعظم نریندر مودی بے حد پر جوش اور باہمت شخص ہیں۔
پروگرام کے دوران گرلس نے مودی سے کہا کہ آپ بھارت کی سب سے اہم ترین شخصیت ہیں اور میرا کام آپ کو زندہ رکھنا ہے۔
پروگرام میں مودی نے کہا کہ لوگوں کے خواب پورے کرنے سے خوشی ملتی ہے۔ میری پوری توجہ ترقی پر ہے۔
ایک سوال کے جواب میں وزیراعظم نے کہا کہ 'مجھے کرسی کا نشہ کبھی نہیں تھا۔'
واضح رہے کہ گرلس کے پروگرام میں پہلے بھی عظیم شخصیت بطور مہمان حصہ لے چکی ہیں۔ اس سے پہلے گرلس امریکہ کے صدر براک اوبامہ کے ساتھ پروگرام کر چکے ہیں۔

وزیراعظم نریندر مودی اور بیئر گرلس دونوں اتراکھنڈ کے جم کاربیٹ کے جنگلوں میں ٹھنڈ اور بارش کی مشکلات کا سامنا کرتے ہوئے نظر آئے۔
گرلس کا کہنا ہے کہ وزیراعظم نریندر مودی بے حد پر جوش اور باہمت شخص ہیں۔
پروگرام کے دوران گرلس نے مودی سے کہا کہ آپ بھارت کی سب سے اہم ترین شخصیت ہیں اور میرا کام آپ کو زندہ رکھنا ہے۔
پروگرام میں مودی نے کہا کہ لوگوں کے خواب پورے کرنے سے خوشی ملتی ہے۔ میری پوری توجہ ترقی پر ہے۔
ایک سوال کے جواب میں وزیراعظم نے کہا کہ 'مجھے کرسی کا نشہ کبھی نہیں تھا۔'
واضح رہے کہ گرلس کے پروگرام میں پہلے بھی عظیم شخصیت بطور مہمان حصہ لے چکی ہیں۔ اس سے پہلے گرلس امریکہ کے صدر براک اوبامہ کے ساتھ پروگرام کر چکے ہیں۔

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 0:32 HRS IST




             
  • मैन वर्सेस वाइल्ड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रकृति के संरक्षण के बारे में की बात



नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मैन वर्सेस वाइल्ड’ में बियर ग्रिल्स के साथ मिलकर नदी के ठंडे पानी में जुगाड़ से बनी नाव पर सवारी की और इस एडवेंचर के माध्यम से प्रकृति संरक्षण जैसे मुद्दों को आगे बढ़ाया।



डिस्कवरी चैनल के ‘मैन वर्सेस वाइल्ड विद बियर ग्रिल्स एंड प्राइम मिनिस्टर मोदी’ में दोनों ने उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के जंगलों में ठंड और बारिश की मार झेली। ग्रिल्स का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी बेहद ऊर्जावान और उत्साही हैं।



इस दौरान ग्रिल्स ने मजाक किया, ‘‘आप भारत के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं और मेरा काम आपको जीवित रखना है।’’ 



शो के मेजबान और मेहमान के बीच बातचीत के दौरान मोदी ने कहा कि लोगों के सपने पूरे करने से उन्हें खुशी मिलती है और उनका पूरा ध्यान विकास पर है। एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मेरे पद का नशा कभी मेरे सिर पर नहीं चढ़ता।’’ 



ग्रिल्स के शो में इससे पहले भी सेलिब्रेटी अतिथि आ चुके हैं। इससे पहले ग्रिल्स अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ भी शो कर चुके हैं। शो के दौरान मेजबान ने प्रधानमंत्री मोदी से उनके बचपन, बतौर प्रधानमंत्री उनके सपने, जीवन में किसी चीज या बात से उन्हें कभी डर लगा या नहीं और क्या वह राजनीतिक रैलियों से पहने नर्वस महसूस करते हैं जैसी बातें की।



इसपर मोदी ने कहा कि नर्वस होने के बारे में वह कभी भी बेहतर जवाब नहीं दे सकते हैं क्योंकि उन्हें कभी इसका अनुभव नहीं हुआ है।



मोदी ने कहा, ‘‘मेरी दिक्कत यह है कि मैंने कभी ऐसा कोई डर महसूस ही नहीं किया है। मैं लोगों को यह समझाने में असमर्थ हूं कि नर्वस होना क्या है और इससे कैसे निपटें क्योंकि मेरी मूल प्रकृति बेहद सकारात्मक है। मुझे सभी चीजों में सकारात्मकता नजर आती है। और इसी वजह से मुझे कभी निराशा नहीं होती है।’’ 



इसपर ग्रिल्स ने कहा कि युवा पीढ़ी के लिए यह बहुत बड़ा संदेश है।



इसपर मोदी ने कहा, ‘‘अगर मुझे आज की युवा पीढ़ी से कुछ कहना होगा तो मैं कहूंगा कि हमें अपने जीवन को टुकड़ों-टुकड़ों में बांट कर नहीं दखना चाहिए। जब हम अपने जीवन में समग्र में देखते हैं जो उसमें उतार चढ़ाव दोनों होता है। अगर आप उतार पर हैं तो उसके बारे में ज्यादा मत सोचिए, क्योंकि ऊपर चढ़ने का रास्ता वहीं से शुरू होता है।’’ 



पांच मील लंबी यात्रा के दौरान जब मेजबान और मेहमान नदी के पास आए तो ग्रिल्स ने प्रधानमंत्री को जुगाड़ से बनायी गयी नाव में बैठाया और खुद कमर भर पानी में उसे धक्का देते हुए दूर तक ले गए। नाव से उतरने के बाद दोनों ने वहां बैठकर करी पत्तों वाला पेय पिया।



ग्रिल्स ने कहा, ‘‘आप इतिहास के पहले प्रधानमंत्री होंगे जिन्होंने जुगाड़ वाली नाव पर बैठ कर नदी पार की है।’’ 



शो में मोदी ने प्रकृति प्रेम के साथ जीवन, सिर्फ अपने फायदे के लिए प्रकृति का दोहन नहीं करने और उसे आने वाली पीढ़ी के लिए धरोहर छोड़कर जाने जैसे विषयों पर बात की।



उन्होंने कहा कि दुनिया के लिए भारत का संदेश है ‘वसुधैव कुटुंबकम।’ 



सोमवार की रात इस इस शो के प्रसारण से पहले ही इसे लेकर कुछ विवाद भी हुआ था। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि इस शो की शूटिंग फरवरी में पुलवामा हमले वाले दिन हुई थी।



जब ग्रिल्स ने उनसे पूछा कि क्या उन्होंने कभी प्रधानमंत्री बनने का सपना देखा था, मोदी ने कहा कि उनका ध्यान हमेशा से देश के विकास पर रहा है।



उन्होंने कहा, ‘‘मैं पहले एक राज्य का मुख्यमंत्री था। मैंने 13 साल बतौर मुख्यमंत्री काम किया है, जो मेरे लिए बिल्कुल नया रास्ता था। फिलहाल मेरे देश ने तय किया है कि मुझे यह काम करना है। इसलिए मैं इसे पिछले पांच साल से कर रहा हूं।’’ 



मोदी ने कहा, ‘‘लेकिन ध्यान हमेशा एक ही चीज पर रहा है, वह है विकास। और मैं उस काम से संतुष्ट हूं। आज, अगर मैं इसे छुट्टी मान लूं, तो मुझे यह कहना पड़ेगा कि मैं 18 साल में पहली बार छुट्टी ले रहा हूं।’’ 



देश का प्रधानमंत्री बनने के बारे में ग्रिल्स ने उनसे पूछा, कि क्या आपको यह सब कभी सपने जैसा लगा।



मोदी ने कहा, ‘‘मुझे यह कभी नहीं लगा कि मैं कौन हूं। मैं इससे ऊपर उठ चुका हूं और जब मैं मुख्यमंत्री था और अब जब मैं प्रधानमंत्री हूं, मैं सिर्फ अपने काम के बारे में और अपनी जिम्मेदारियों के बारे में सोचता हूं। मेरा पद कभी मेरे सिर पर चढ़कर नहीं बोलता है।’’ 



बचपन को याद करते हुए मोदी ने कहा कि गरीबी के बावजूद उनका परिवार हमेशा प्रकृति से जुड़ा रहा।



उन्होंने कहा, यह जुड़ाव ऐसा था कि पैसा नहीं होने के बावजूद उनके पिताजी 20-30 पोस्टकार्ड खरीदते और अपने गांव में होने वाली पहली बारिश की खबर सभी रिश्तेदारों को देते।



शो के दौरान लकड़ी से भाला बनाने वाले ग्रिल्स ने प्रधानमंत्री को जंगल में रहने वाले बाघों के बारे में चेताया तो इसपर मोदी ने कहा, ‘‘ईश्वर सबका ख्याल रखते हैं।’’ 



उन्होंने कहा कि उनकी आस्था उन्हें किसी की जान लेने की इजाजत नहीं देती है, लेकिन वह अपने मेजबान के लिए भाला पकड़ने को तैयार हैं।



मोदी ने कहा, ‘‘आपको कभी भी प्रकृति से नहीं डरना चाहिए क्योंकि जब हमें लगता है कि प्रकृति के साथ हमारा सामंजस्य बिगड़ रहा है, समस्या वहीं से शुरू होती है।’’ 



यह पूछने पर कि क्या वह अच्छे छात्र थे, इसपर मोदी ने हंसते हुए कहा, ‘‘मैं यह नहीं कह सकता कि मैं अच्छा छात्र था।’’ 



उन्होंने कहा कि गरीबी के बावजूद उन्हें साफ-सुथरी वर्दी में स्कूल जाना पसंद था और वह तांबे के लोटे में कोयला जलाकर अपने कपड़े आयरन करते थे।



मोदी ने कहा कि उन्होंने किशोर वय में ही घर छोड़ दिया था और बहुत समय हिमालय में गुजारा।



प्रधानमंत्री ने कहा,‘‘मैं अपने जीवन का फैसला करना चाहता था। लेकिन उससे पहले मैं दुनिया को समझना चाहता था। मैं आध्यात्मिक दुनिया को देखना चाहता था। उसके लिए मैं हिमालय गया। मुझे प्रकृति से प्रेम है। मैं हिमालय में लोगों से मिला, उनके साथ रहा। वह बहुत सुन्दर अनुभव है और मैंने वहां लंबा समय गुजारा।’’ 



ग्रिल्स के सवालों पर मोदी ने तालाब से मगरमच्छ का बच्चा पकड़कर घर लाने का किस्सा भी सुनाया।



प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मेरी मां ने मुझसे कहा कि यह गलत है। आप ऐसा नहीं कर सकते। आपको ऐसा नहीं करना चाहिए, इसे वापस छोड़कर आएं। मैं उसे छोड़ने वापस चला गया।’’ 


Conclusion:
Last Updated : Sep 26, 2019, 10:20 PM IST
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