उत्तरकाशीः जिला मुख्यालय से 5 किमी दूरी स्थित मातली गांव के ग्रामीणों ने सोमवार को ITBP के खिलाफ जुलूस निकालकर भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल 12वीं वाहिनी के मुख्य गेट पर एक दिवसीय धरना दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि ITBP ने वर्ष 2013 के बाद से उनका मुख्य कपिल मुनि महाराज मंदिर और राजकीय इंटर कॉलेज मातली जाने का ग्रामीणों का रास्ता रोका हुआ है. ग्रामीणों को स्कूल या मंदिर तक जाने के लिए ITBP के कड़े नियमों से गुजरना पड़ता है. जबकि जब ग्रामीणों ने अपनी भूमि दी थी तो उस समय यह मार्ग खुला रखने पर सहमति बनी थी.
सोमवार को मातली गांव के सैकड़ों ग्रामीण हाथों में सत्याग्रह आंदोलन की तख्ती लेकर नारेबाजी करते हुए गांव के पंचायती भवन से ITBP के मुख्य गेट पर पहुंचे. नारेबाजी करते हुए उन्होंने अपने पारंपरिक रास्ते को खोलने की मांग की. ग्रामीणों ने कहा कि ITBP के मैदान के चौड़ीकरण के दौरान ग्रामीणों ने अपनी 5 हेक्टेयर से अधिक भूमि ITBP दी थी. उस समय यह सहमति बनी थी कि गांव के मुख्य कपिल मुनि महाराज मंदिर और स्कूल जाने वाला रास्ता खुला रहेगा. लेकिन ITBP ने रास्ते पर कब्जा कर रखा है.
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ग्रामीणों के धरने की सूचना मिलते ही ITBP अधिकारी जिला प्रशासन और डुंडा तहसील प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और ग्रामीणों से वार्ता की. इस दौरान नायब तहसीलदार डुंडा ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि उनकी मांग शासन-प्रशासन तक पहुंचाई जाएगी और जल्द ही इस मसले का हल निकाला जाएगा.