उत्तरकाशी: जनपद में वानग्नि की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं, लेकिन वन महकमा बेखबर है. इन दिनों उत्तरकाशी वन प्रभाग के बाडाहाट रेंज, मुखेम रेंज और अपर यमुना वन प्रभाग के जंगलों आग धधक रही है, जिससे करोड़ों की वन संपदा राख हो रही है. जंगलों में आग की वजह से वन्य जीवों के अस्तित्व पर भी खतरा मंडराने लगा है.
अपर यमुना वन प्रभाग के अंतर्गत जंगलों में मार्च में ही वनों में आग धधक रही है. बड़कोट-उत्त्तरकाशी मोटर मार्ग से गुजरते हुए वनाग्नि को साफ देखा जा सकता है कि किस तरह राड़ी घाटी क्षेत्र में नंदगांव और फलाचा के जंगलों में आग ने विकराल रूप ले लिया है. आग को देख कर लोग भयभीत हैं. स्थानीय लोग वन विभाग से वनों की आग पर काबू करने की मांग कर रहे हैं.
वहीं बीते सोमवार को बाडाहाट रेंज के माहिडांडा क्षेत्र के जंगलों में अचानक भीषण आग लगी. ग्रामीणों ने आईटीबीपी की 35वीं वाहिनी महिडांडा को आग की सूचना दी, जिस पर वाहिनी के सेनानी अशोक सिंह बिष्ट ने जवानों को निर्देषित कर आग बुझाने के लिए रवाना किया, जिस पर जवानों ने पांच घंटे की कड़ी मशक्कत करने के बाद जंगलों में लगी आग पर काबू पाया. आईटीबीपी की मदद के लिए संग्राली के ग्रामीणों ने उनका आभार व्यक्त किया.
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जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि वनाग्नि को लेकर उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों के साथ पहले ही बैठक की थी. ऐसे में अब सभी विभागों के अधिकारी अब इस पर काम करेंगे और आग बुझाने का काम किया जाएगा. इसके साथ ही गांवों में जाकर लोगों में जागरुकता बढ़ाने के लिए अधिकारियों को कहा गया है.