ETV Bharat / state

उत्तरकाशी का ऐसा मेला जिसमें धान की फसल काटने की मांगी जाती है इजाजत, जानें क्यों

Fair of Lord Jakh Devta उत्तरकाशी के उडरी गांव में भगवान जाख देवता और गुरु चौरंगीवीर का मेला आयोजित किया गया. इसी बीच ग्रामीणों ने अपने आराध्य देवताओं से धान की फसल काटने का समय मांगा. साथ ही आराध्य देव डोलियों के साथ रांसो तांदी नृत्य किया.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 7, 2023, 4:35 PM IST

Updated : Sep 7, 2023, 7:24 PM IST

उत्तरकाशी का ऐसा मेला जिसमें धान की फसल काटने की मांगी जाती है इजाजत

उत्तरकाशी: पहाड़ी क्षेत्र अपनी अलग संस्कृति के लिए पहचान रखता है, इसलिए यहां 12 महीनें मेले सहित कई धार्मिक अनुष्ठा आयोजित किए जाते हैं. आज भी पहाड़ों में मेले हो या कोई भी धार्मिक अनुष्ठा उसके पीछे कोई ना कोई राज छुपा रहता है. ऐसा ही उत्तरकाशी का एक गांव है, जहां भगवान जाख देवता और गुरु चौरंगी वीर का मेला आयोजित किया जाता है. इस मेले का मुख्य उद्देश्य धान की फसल को काटने के लिए आराध्य देवताओं से समय मांगना है.

ग्रामीणों ने देव डोलियों के साथ किया रांसो तांदी नृत्य: डुंडा ब्लॉक के गाजणा पट्टी के उडरी गांव में भगवान जाख देवता औऱ गुरु चौरंगीवीर का भव्य मेला आयोजित किया गया. ग्रामीणों ने अपने आराध्य देव डोलियों के साथ रांसो तांदी नृत्य कर गांव की खुशहाली की दुआ मांगी. साथ ही ग्रामीणों द्वारा अपने आराध्य देवताओं से धान की कटाई का दिन तय करने की मांग की गई. जिसके बाद देव पश्वों ने धान की फसल का समय दिया.

अवतरित पश्वा ने लोगों की सुनी समस्याएं: मेले में उडरी गांव सहित गाजणा पट्टी के कई ग्रामीण मौजूद रहे. पंचायत चौक पर विधिवत पूजा-अर्चना के बाद गांव के आराध्य जाख देवता व गुरू चौरंगी वीर को खुश किया गया. जिसके बाद जाख देवता व चौरंगी वीर के पश्वा अवतरित हुए और उन्होंने ग्रामीणों की समस्याएं सुनकर उनका निदान किया.

ये भी पढ़ें: Sri Krishna Janmashtami 2023 जन्माष्टमी पर गोपीनाथ मंदिर में भक्तों का लगा तांता, भगवान शिव ने धरा था गोपी का रूप

ग्रामीण देव पश्वों से धान की कटाई का मांगा समय: स्थानीय निवासी प्रदीप पंवार और सुभाष रावत ने बताया कि उडरी गांव में पौराणिक काल से इस मेले का आयोजन किया जाता है. इसी बीच ग्रामीण अपने आराध्य देवताओं की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. उन्होंने बताया कि ग्रामीण देव पश्वों से धान की कटाई का दिन भी मांगते हैं.

ये भी पढ़ें: Krishna Janmashtami 2023: चारों पहर अपना रूप रंग बदलते हैं भगवान, गया की इस मंदिर में चतुर्भुज रूप में बांसुरी लिए विराजमान हैं श्री कृष्णा

उत्तरकाशी का ऐसा मेला जिसमें धान की फसल काटने की मांगी जाती है इजाजत

उत्तरकाशी: पहाड़ी क्षेत्र अपनी अलग संस्कृति के लिए पहचान रखता है, इसलिए यहां 12 महीनें मेले सहित कई धार्मिक अनुष्ठा आयोजित किए जाते हैं. आज भी पहाड़ों में मेले हो या कोई भी धार्मिक अनुष्ठा उसके पीछे कोई ना कोई राज छुपा रहता है. ऐसा ही उत्तरकाशी का एक गांव है, जहां भगवान जाख देवता और गुरु चौरंगी वीर का मेला आयोजित किया जाता है. इस मेले का मुख्य उद्देश्य धान की फसल को काटने के लिए आराध्य देवताओं से समय मांगना है.

ग्रामीणों ने देव डोलियों के साथ किया रांसो तांदी नृत्य: डुंडा ब्लॉक के गाजणा पट्टी के उडरी गांव में भगवान जाख देवता औऱ गुरु चौरंगीवीर का भव्य मेला आयोजित किया गया. ग्रामीणों ने अपने आराध्य देव डोलियों के साथ रांसो तांदी नृत्य कर गांव की खुशहाली की दुआ मांगी. साथ ही ग्रामीणों द्वारा अपने आराध्य देवताओं से धान की कटाई का दिन तय करने की मांग की गई. जिसके बाद देव पश्वों ने धान की फसल का समय दिया.

अवतरित पश्वा ने लोगों की सुनी समस्याएं: मेले में उडरी गांव सहित गाजणा पट्टी के कई ग्रामीण मौजूद रहे. पंचायत चौक पर विधिवत पूजा-अर्चना के बाद गांव के आराध्य जाख देवता व गुरू चौरंगी वीर को खुश किया गया. जिसके बाद जाख देवता व चौरंगी वीर के पश्वा अवतरित हुए और उन्होंने ग्रामीणों की समस्याएं सुनकर उनका निदान किया.

ये भी पढ़ें: Sri Krishna Janmashtami 2023 जन्माष्टमी पर गोपीनाथ मंदिर में भक्तों का लगा तांता, भगवान शिव ने धरा था गोपी का रूप

ग्रामीण देव पश्वों से धान की कटाई का मांगा समय: स्थानीय निवासी प्रदीप पंवार और सुभाष रावत ने बताया कि उडरी गांव में पौराणिक काल से इस मेले का आयोजन किया जाता है. इसी बीच ग्रामीण अपने आराध्य देवताओं की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. उन्होंने बताया कि ग्रामीण देव पश्वों से धान की कटाई का दिन भी मांगते हैं.

ये भी पढ़ें: Krishna Janmashtami 2023: चारों पहर अपना रूप रंग बदलते हैं भगवान, गया की इस मंदिर में चतुर्भुज रूप में बांसुरी लिए विराजमान हैं श्री कृष्णा

Last Updated : Sep 7, 2023, 7:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.