उत्तरकाशी: मॉनसून सीजन में पहाड़ों में वैक्सीनेशन स्वास्थ्य कर्मियों के लिए किसी परीक्षा से कम नहीं है. जनपद के सबसे दूरस्थ मोरी तहसील के रिमोट एरिया में वैक्सीनेशन कार्य में जुटे स्वास्थ्य कर्मी असल में कोरोना वॉरियर्स की भूमिका निभा रहे हैं. जहां 4 माह की गर्भवती एएनएम बंद रास्तों के बावजूद जेसीबी में बैठकर वैक्सीनेशन करने जा रही है.
इसमें मुख्य भूमिका में ANM अपनी ड्यूटी के लिए सभी चुनौतियों को पार कर रही हैं. कहीं, 4 माह की गर्भवती ANM जेसीबी में बैठकर वैक्सीनेशन के लिए गांव-गांव पहुंच रही हैं. तो कहीं ANM कर्मी 15 से 20 किमी पैदल चलकर वैक्सीनेशन सेंटर्स पहुंच रही हैं.
आज आपको ईटीवी भारत ऐसे ही कुछ तस्वीरें और कोरोना योद्धाओं की कहानी दिखाने जा रहा हैं, जो विषम परिस्थियों में भी अपनी कर्तव्य निष्ठा की मिशाल पेश कर रही हैं. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. नितेश रावत ने बताया कि इस समय मोरी में 10 टीमें गांव-गांव जाकर वैक्सीनेशन का कार्य कर रही हैं.
इसमें स्वास्थ्य कर्मी सभी मुश्किलें पार कर अपनी ड्यूटी का निर्वहन कर रहे हैं. इनमें से एक ANM कुलवंती रावत हैं, जो 4 माह की गर्भवती हैं. लेकिन इसके बावजूद वो फरवरी से लगातार वैक्सीनेशन ड्यूटी कर रही हैं. कुलवंती रावत मोरी के दुर्गम थडियार क्षेत्र के सरास, ओढ़ता, बमास आदि गांव में वैक्सीनेशन कार्य कर रही हैं.
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ड्यूटी के दौरान बमास में सड़क बंद होने के कारण कुलवंती टीम के बीपीएम बलबीर चौहान के साथ जेसीबी से सरास पहुंची और वहां ग्रामीणों का टीकाकरण किया. वहीं, दूसरी और आज भी मोरी के ओसला, गंगाड, डाटमीर, पवानी आदि गांव पहुंचने के लिए कई किलोमीटर पैदल दूरी नापनी पड़ती है. इस क्षेत्रों में ANM श्वेता राणा, संगीता रावत, सोनम रावत मॉनसून सीजन में टूटे पैदल रास्तों और गधेरों को पार कर दो बार टीकाकरण का कार्य पूरा करके आ चुकी हैं.
यह जुझारू ANM मंगलवार को दूरस्थ गांव से टीकाकरण कर वापस लौटी हैं. डॉ नितेश रावत ने कहा कि मोरी ब्लॉक में 8 ANM शुरू से ही दूरस्थ क्षेत्रों में टीकाकरण अभियान को पूरा करने में अहम भूमिका निभा रही हैं. साथ ही वह स्वयं भी टीम का मनोबल बढ़ाने के लिए इन टीमों के साथ टीकाकरण करवाने जा रहे हैं.